नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आपातकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की खरीद का समर्थन करना और निगरानी गतिविधियों को मजबूत करना है। इसका उद्देश्य राज्यों की स्वास्थ्य प्रणाली को बढ़ावा देना भी है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अपर सचिव, प्रधान सचिव और आयुक्त (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस 100 प्रतिशत केंद्र पोषित पैकेज को जनवरी 2020 से मार्च 2024 तक तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
पत्र में कहा गया कि आपातकालीन कोरोना वायरस (कोविड-19) प्रतिक्रिया के उद्देश्यों के साथ, रोकथाम और तैयारियों का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना, आवश्यक चिकित्सा उपकरणों, उपभोग्य सामग्रियों और दवाओं की खरीद, निगरानी गतिविधियों को मजबूत करना, जिसमें प्रयोगशालाओं और जैव-सुरक्षा तैयारियों की स्थापना शामिल है, इस पैकेज में शामिल हैं। पत्र के अनुसार, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय जून 2020 तक चरण 1 के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए धन जारी कर रहा है।”
पहले चरण के तहत लागू की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में समर्पित कोरोना वायरस अस्पतालों के विकास के लिए राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को समर्थन, अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की आपूर्ति के साथ आईसीयू, प्रयोगशालाओं को मजबूत करना, मानव संसाधन के लिए अतिरिक्त संसाधन और मानव संसाधन के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की तैनाती को भी इससे जोड़ा गया है। इसमें पहचान योग्य प्रयोगशालाओं को मजबूत करना और नमूना परिवहन के लिए नैदानिक क्षमता और गतिशीलता समर्थन का विस्तार भी शामिल है।