नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन को एक बार और आगे बढ़ाने (Lockdown 3 / 4 May to 17 May) के साथ ही केंद्र सरकार ने निजी और सार्वजिनक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। कोविड-19 कंटेनमेंट ज़ोन में रहने वाले लोगों के लिए भी यह ऐप अनिवार्य कर दिया गया है। अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस ऐप को इंस्टॉल करवाना सुनिश्चत करें। गूगल प्ले पर इस ऐप को अब तक 50 मिलियन से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपने निर्देश में कहा है, “निजी और सार्वजनिक दोनों सेक्टर के सभी कर्मचारियों के लिए आरोग्य सेतु ऐप का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। यह संबंधित संगठनों के प्रमुखों की ज़िम्मेदारी होगी कि वे अपने कर्मचारियों के बीच इस ऐप के 100 प्रतिशत कवरेज को सुनिश्चित करें।”
यह सरकारी ऐप लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे और जोखिम का आकलन करने में मदद करता है। इसे एंड्रॉयड और आईफोन दोनों तरह के स्मार्टफोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। यह खास ऐप आसपास मौजूद कोरोना पॉजिटिव लोगों के बारे में पता लगाने में मदद करता। मोबाइल फोम हैंडसेट के ब्लूटूथ, स्थान और मोबाइल नंबर का उपयोग करके ऐसा किया जाता है।
आरोग्य सेतु ऐप में एक चैटबॉट भी है जिसमें यूजर को कोरोना वायरस महामारी से जुड़े सवालों के सही जवाब देतने हैं। इसके जरिए न सिर्फ यूजर अपने अंदर कोरोना के लक्षणों की पहचान कर सकेगा बल्कि ऐप यह भी पता लगाता है कि जाने-अनजाने में यूजर किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आया है। इसके आधार पर यह यूजर को अगला कदम उठाने की सलाह देता है। अगर यूजर “हाई रिस्क” एरिया में हैं तो ऐप उसको कोरोना वायरस टेस्ट कराने, हेल्पलाइन पर फोन करने और नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए सलाह देता है। इसके लिए ऐप को कोरोना पीड़ितों के डेटाबेस से जोड़ा गया है, हालांकि यह धीरे-धीरे ऐप खुद का डेटाबेस भी तैयार करेगा। ऐप यूजर को इस महामारी से बचने के टिप्स देने के साथ ही संक्रमित पाए जाने पर सरकार तक जानकारी भी पहुंचाता है।
आरोग्य सेतु फिलहाल हिंदी और अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं में काम कर रहा है। यह ब्लूटूथ और लोकेशन एक्सेस कर काम करता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले यूजर को मोबाइल नंबर से ऐप में रजिस्टर्ड होना होगा। इसके बाद ऐप यूजर से कुछ निजी जानकारियां मांगेगा जो कि ऑप्शनल है।
सरकार का दावा है कि ऐप पर सभी महत्वपूर्ण जानकारियां इनक्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर होंगी और किसी थर्ड पार्टी वेंडर के साथ इन्हें शेयर नहीं की जाएगा।
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