लखनऊ : देश के कई राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर के चलते उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। त्योहारों में संक्रमण के बढ़ने की आशंका है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में कोरोना की नई गाइडलाइन मंगलवार को जारी कर दी गई। सरकार ने स्पष्ट किया है कि पर्व-त्योहारों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है लेकिन सार्वजनिक कार्यक्रम एवं जुलूस बिना पूर्व अनुमति के नहीं होंगे। साथ ही बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए कहा गया है।
यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जुलूस, कार्यक्रम या सार्वजनिक समारोहों में हाई रिस्क कैटेगरी जैसे 10 वर्ष की उम्र से कम के बच्चों, 60 साल से अधिक के वृद्धों और एक से अधिक गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को शामिल होने से बचाया जाए। अनुमति के पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी और मास्क पहनने के नियम को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, एयरपोर्ट पर इंफ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और रैपिड एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था अनिवार्य रूप से रहे। कोविड-19 की जांच और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रभावी ढंग से की जाए। वे अपने आवास पर उच्चस्तरीय बैठक में कोविड-19 नियंत्रण व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) में टीकाकरण की पूरी जानकारी देने के लिए एक विंग बनाएं। कोरोना से बचाव व इलाज की प्रभावी व्यवस्था रखी जाए। लोगों को कोरोना से बचाव के संबंध में लगातार जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को पूरी तरह सक्रिय रखें और इसके माध्यम से आमजन को संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दें।
योगी आदित्यनाथ ने कोरोना टीकाकरण का काम केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार संचालित करने के भी निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारियों और सभी सीएमओ को कोविड टीकाकरण की नियमित समीक्षा के निर्देश दिए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना एवं मुख्य सचिव आरके तिवारी भी शामिल थे।
– आगामी पर्व, त्योहारों के दौरान सतर्कता बरती जाएगी और किसी भी प्रकार का जुलूस निकालने के लिए पहले प्रशासन की अनुमति ली जाएगी।
– ऐसे जुलूस या सार्वजनिक कार्यक्रमों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, 10 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को शामिल नहीं होने दिया जाएगा।
– सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने वाले सभी लोगों को सामाजिक दूरी, सभी के लिए मास्क लगाना और सैनिटाइजर का प्रयोग करना जरूरी होगा।
– जिन प्रदेशों में कोविड का संक्रमण अधिक है वहां से होली के त्योहार के लिए घर आ रहे लोगों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।
-कक्षा 8 तक के समस्त निजी एवं सरकारी और अर्द्घसरकारी विद्यालयों में 24 मार्च से 31 मार्च तक होली का अवकाश कर दिया जाए।
-अन्य शिक्षण संस्थान (मेडिकल तथा नर्सिंग कालेज छोड़कर) दिनांक 25 से 31 मार्च तक के मध्य होली का अवकाश घोषित करेंगे परंतु जहां परीक्षाएं चल रही होंगी वहां परीक्षाएं यथावत अवश्य सम्पन्न कराई जाएंगी।
-पुलिस ट्रेनिंग स्कूल और अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों का आवागमन न्यूनतम हो।
-जब भी कोई बंदी जेल से बाहर जाए तो कारागार प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन हो और जब बंदी वापस आए तो उसकी कोविड जांच करा ली जाए।
– ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर तथा शहरों में प्रत्येक वार्ड स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी व कर्मी की तैनाती की जाए, जो ग्राम निगरानी समिति के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से आने वाले लोग अपनी-अपनी जांच करवाएं तथा जांच का परिणाम आने तक अपने घर में ही रहेंगे।
– कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग को तीव्र गति से किया जाए और जो भी व्यक्ति पॉजिटिव आए उनके समस्त कान्टेक्ट (औसतन 25-30) 48 घंटे के अंदर चिह्नित करते हुए उनकी जांच कराई जाए।
– सभी जिलों में डेडीकेटेड हॉस्पिटल संचालित रहे और भविष्य के लिए अन्य अस्पतालों को भी इसके लिए नोटिस देकर तैयार रखा जाए। आवश्यक मानव संसाधन और उपकरणों की व्यवस्था की जाए।
-कोविड हेल्प डेस्क को फिर से सक्रिय किया जाए। इंफ्रारेड थर्मामीटर एवं पल्स आक्सीमीटर का उपयोग करते हुए लक्षण युक्त लोगों की पहचान की जाए।
-रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों एवं बस स्टेशनों पर यात्रियों की सघन कोविड जांच की जाए।
-पब्लिक एड्रेस सिस्टम को पुन: क्रियाशील करते हुए लोगों को कोविड संक्रमण से बचने के लिए सावधानी का संदेश निरंतर दिया जाए और आम जनता में कोविड वैक्सीनेशन का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए।
– वैक्सीनेशन का कार्य तीव्र गति से किया जाए और इसके वेस्टेज को हर हाल में रोका जाए।
-सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ न होने दी जाए और इसके लिए पुलिस द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएं।
– जिलों में स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर में प्रतिदिन जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्साधिकारी बैठक करें और इसमें कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक एहतियाती कदम उठाना सुनिश्चित किया जाए।
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