बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ-CMO) एवं एनएचएम (NHM) के प्रबंधक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। इसमें सीएमओ द्वारा सेनेटरी नैपकिन की आपूर्ति के भुगतान के लिए कमीशन मांगा जा रहा है। बताया गया है कि इसी साल फरवरी में स्वास्थ विभाग द्वारा बिड निकाली गई थी। इसका नंबर GEM 2021 बी 976894 था जो गुजरात की एक हाइजीन कंपनी को मिला था। इसके भुगतान के लिए 20 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही है। वीडियो में डीसीपीएम अरविंद राणा का नाम भी आया है। यह वीडियो बीते 13 मार्च का बताया जा रहा है। जिलाधिकारी बदायूं ने मामले की जांच सीडीओ और एडीएम एफआर को सौंप दी है।
यह विड श्रीमत एमडी हाइजीन, सूरत (गुजरात) के पक्ष में निर्मित हुई थी। इसके भुगतान के लिए कंपनी के अधिकारी सीएमओ कार्यालय पहुंचे जहां उनकी मुलाकात जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) कमलेश शर्मा से हुई। वायरल वीडियो में कमलेश शर्मा यह कहते हुए सुने गए हैं कि सेनेटरी नैपकिन के लिए करीब 35,00000 रुपये का बजट आया है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ यशपाल सिंह को फोन मिलाया जिस पर कहा, “सर, ये हाइजीन कंपनी से आए हैं।” दूसरी तरफ से सीएमओ कहते हैं, “इनसे 30 प्रतिशत कमीशन की बात कर लो।” इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया।
करीब 9 मिनट के इस वायरल वीडियो में लेनदेन का संपूर्ण वार्तालाप है जिसमें डीपीएम कमलेश शर्मा ने इस आपूर्ति के संबंध में बात करते हुए 20 प्रतिशत कमीशन की मांग की और यह भी बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी साहब ने 20 प्रतिशत से कम की मनाही कर दी है। इसके बाद कमीशन को घटाते-घटाते 16 प्रतिशत में बात तय हो गई।
इसी बीच एनएचएम के प्रबंधक ने सीएमओ से फोन पर बातचीत भी की और इस संबंध में पूर्ण जानकारी उनको दी। वीडियो से पता चलता है कि कमलेश शर्मा द्वारा यह आश्वासन भी दिया गया कि सामान की 10 प्रतिशत आपूर्ति कम की जाए जो कि सीएमओ डॉ यशपाल सिंह के हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं है।
गौरतलब है कि डॉ यशपाल सिंह पर पहले भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं। इनमें कोरोना काल मे सांसद एवं विधयाक निधि का धन बरबाद करना और अपनी चहेती फर्मों को भुगतान करना जैसे आरोप भी हैं। सपा नेता के अस्पताल को बिना मानक पूरे किए रजिस्ट्रेशन दिलाना और बाद में इस अस्पताल पर की गई कार्रवाई से पीछे हटना तथा 60 कर्मचारियों के हटाने के मामले में हाईकोर्ट ने जांच कराए जाने को कहा है। इसके अतिरिक्त आशाओं के भुगतान से वसूली न होने पर 42 लाख रुपये का भुगतान न करके धनराशि वापस करना जैसा गंभीर आरोप भी है।
सीएमओ कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत भाजपा ब्रजक्षेत्र के प्रदेश अध्यक्ष रजनीकान्त माहेश्वरी, बदायूं से सांसद संघमित्रा मौर्य, मंत्री, विधायक आदि मुख्यमंत्री से कर चुके हैं। हालांकि विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
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