प्रकाश नौटियाल, देहरादून : उत्तराखंड में आई आपदा के बाद अभी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है। कई मार्ग अभी भी बंद पड़े हैं। कुमाऊं मंडल में 700 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। आपदा में मरने वालों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार को गढ़वाल में पांच और कुमाऊं में छह शव बरामद किए गए थे। इससे प्रदेश में मृतकों की संख्या 69 पहुंच गई जबकि सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या 64 ही बताई गई है। छितकुल में मारे गए ट्रैकरों के शव अभी तक नहीं निकाले जा सके हैं इसलिए अभी मृतकों में इनकी गिनती नहीं की गई है। 27 ट्रैकर अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। उनकी तलाश जारी है। इधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदाग्रस्त चमोली और पौड़ी का दौरा किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक नैनीताल जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के दो दिवसीय दौरे पर निकले हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को पौड़ी और चमोली जिले में आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे पर पहुंचे। वह पहले चमोली के डुंग्री गांव पहुंचे और आपदा पीड़ितों को सांत्वना दी। कहा कि सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने डुंग्री गांव में आपदा से हुए नुकसान का जायजा भी लिया और अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिए। उन्होंने भरोसा दिया कि किसी भी संसाधन की कमी नही होने दी जाएगी।
इसके बाद सीएम ने अधिकारियों के साथ बैठक कर बद्रीनाथ हाईवे की जानकारी ली और बंद सड़कों को जल्द खोलने के निर्देश दिए। इसके बाद वह पौड़ी के लिए रवाना हो गए। यहां भी उन्होंने अधिकारियों से आपदाग्रस्त क्षेत्रों की स्थिति जानी और आवश्यक निर्देश दिए।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी शुक्रवार से नैनीताल जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान भाजपा उन्होंने रुद्रपुर में मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने में सरकार का कार्य सराहनीय है। तत्काल लोगों को मदद पहुंचाई गई। आपदा से पहले ही सरकार अलर्ट रही। समय से व्यवस्था कर रखी गयी थी। आपदा से प्रभावितों को तत्काल पहुंचाने वाली आर्थिक यानी अहेतुक सहायता 3800 रुपये को बढ़ाने के लिए सरकार से बात की जाएगी। संगठन के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की मदद करें। रोजमर्रा की जो चीजें बर्बाद हो गयी हैं, उनकी सूची उपलब्ध कराने को कहा गया हैं।
उत्तराखंड में तीन दिन की मूसलाधार बारिश के कारण आई आपदा के कारण बंद हुए कुछ रास्ते भले ही खुल गए हैं लेकिन कुमाऊं मंडल में अब भी 700 से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं। इनमें चार विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।
रानीकोटा-देवीपुरा सौड़ मोटर मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से कोटाबाग ब्लॉक के 14 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों का संपर्क कोटाबाग और नैनीताल से कट गया है। काश्तकारों की फसलें आपदा में नष्ट हो चुकी हैं। नैनीताल जिले के बांसी के बुरासी क्षेत्र में अब भी 165 से ज्यादा पर्यटक फंसे हैं। जिला पुलिस ने गुरुवार को ऐसे 40 पर्यटकों को बाहर निकाला। कुछ पर्यटकों की गाड़ी का तेल खत्म हो गया था। कुछ पर्यटक पैदल ही निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
पिंडारी से कुछ दूर द्वावाली के समीप पिंडर नदी पर बने लकड़ी के अस्थाई पुल बह गए हैं। द्वावाली में 42 लोग फंसे हुए थे। बीते गुरुवार से जिला प्रशासन ने उन्हें सुरक्षित लाने के लिए अभियान शुरू किया। गुरुवार देर शाम उन्हें हेलीकाप्टर के जरिए खरकिया तक लाया गया। शुक्रवार को पांच टैक्सियों के जरिए 15 पर्यटकों को कपकोट तहसील लाया गया। वहां उनके नाम, पते और अन्य जानकारी एकत्र की गई। उनके भोजन, पानी आदि की व्यवस्था भी की गई। पूर्ति निरीक्षक बबलू पांडे ने बताया कि 15 पर्यटकों के भोजन आदि की व्यवस्था की गई। उनका मेडिकल परीक्षण भी किया गया है। उसके बाद उन्हें जिला मुख्यालय के लिए रवाना किया गया।
बारिश के कहर ने सड़कों की हालत बिगाड़ दी है। कुमाऊं मंडल के पांच पर्वतीय जिलों में कुल 120 सड़कें बंद हैं। पिथौरागढ़ में 75, चंपावत में 28, अल्मोड़ा में 12, नैनीताल में चार और बागेश्वर में एक मोटर मार्ग ठप पड़ा हुआ है। गढ़वाल मंडल के पौड़ी में बारिश और भूस्खलन के कारण 52 सड़कें ठप पड़ी हैं। यहां आम जनजीवन के लिए सप्लाई प्रभावित है। दूसरी तरफ, पौड़ी में 3 लोगों की मौत हुई और चमोली में कई लोग लापता बताए गए हैं।
पहाड़ी जिलों में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत शुरू हो गई है। बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और चंपावत में पेट्रोल खत्म होने की सूचना चस्पा कर दी गई है। प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को कब्जे में ले लिया है। इसी तरह कुकिंग गैस, दूध आदि की आपूर्ति न होने से भी इन वस्तुओं के लिए भी मारामारी हो रही है।
उत्तराखंड में आई आपदा से इस बार कुमाऊं मंडल में पर्यटन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है। अब तक कुमाऊं मंडल में पर्यटन उद्योग को 100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इस बार बंगाली सीजन के शुरू होते ही प्रदेश में आपदा आ गई। इस कारण इस मौसम में जिन जगहों पर सैलानी सबसे ज्यादा आते हैं, वे जगह अब खाली पड़ी हैं और पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से लड़खड़ा गया है। नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, मुन्स्यारी समेत आसपास के तमाम क्षेत्र लगभग खाली हो चुके हैं। कुमाऊं मंडल में 5000 से अधिक छोटे-बड़े होटल रिजॉर्ट बताए जाते हैं जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला है। स्थिति यह है कि नवंबर तक की हुई एडवांस बुकिंग भी अब लोग कैंसिल कर रहे हैं।
गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले के हर्षिल से छितकुल हिमाचल के ट्रेक से लापता पर्यटकों में से सात पर्यटकों के शव मिल गए हैं। बताया जा रहा है कि अभी भी दो पर्यटक हैं जबकि एक घायल पर्यटक का हर्षिल और एक अन्य पर्यटक का जिला अस्पताल उत्तरकाशी में इलाज चल रहा है। 9वीं बिहार रेजीमेंट के कर्नल राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि पर्यटकों की खोज के कार्य में वायुसेना और रेस्क्यू टीम युद्धस्तर से जुटी है। रेस्क्यू टीम ने पर्यटकों के शवों को हेलीकॉप्टर की मदद से निकाला है। शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
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