नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) की चेन ब्रेक करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं। उच्च और व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी हैं। सरकार ऑनलाइन पढ़ाई पर जोर दे रही है। स्कूल-कॉलेज फिर खुलने को लेकर असमंजस बना हुआ है। इस बीच रविवार को केंद्रीय मानव संसाधन संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ही स्कूल-कॉलेज खोलने पर फैसला किया जाएगा।

 गौरतलब है 21 दिनों का लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार 14 अप्रैल के बाद आगे की रणनीति क्या हो इसके लिए 10 अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच समीक्षाओं का दौर होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी मुख्यमंत्रियों से एक बार और वीडियो कांफ्रसिंग के माध्यम से बैठक कर सकते हैं। इसके बाद ही 14 अप्रैल के बाद की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

शिक्षण संस्थानों को फिर से खोलने पर पोखरियाल ने कहा कि सरकार के लिए छात्रों, शिक्षकों की सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है. उन्होंने, “कहा कि हमारे देश में छात्रों की संख्या 34 करोड़ है जो अमेरिका की जनसंख्या से भी ज्यादा है। छात्र हमारे देश का सबसे बड़ा खजाना है इसलिए छात्रों और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।” उन्होंने यह भी कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं कि यदि स्कूल, कॉलेज 14 अप्रैल से आगे भी बंद रहते हैं कि तो छात्र-छात्राओं का कोई शैक्षणिक नुकसान नहीं हो। लॉकडाउन समाप्त होने पर लंबित परीक्षाएं कराने और मूल्यांकन के लिए योजना तैयार है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैं स्कूलों और कॉलेजों से लॉकडाउन की स्थिति का लगातार जायजा ले रहा हुं। इसके अलावा पेंडिंग परीक्षाओं के आयोजन को लेकर भी पूरी तैयारी की जा चुकी है।”

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