नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन की वजह से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने गुरुवार को आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के अंतर्गत 2,65,080 करोड़ रुपये के 12 राहत उपायों की घोषणा की। इस तरह सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा अब तक कुल 29.87 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन की घोषणा हुई है। यह जीडीपी का 15 प्रतिशत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हाल में आए आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का एलान कर दिया।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरुआत देश में नए रोजगार का सृजन करने के उद्देश्य से की गई हैं। सरकार का कहना है कि इससे संगठित क्षेत्र में रोजगार को बल मिलेगा। पंजीकृत ईपीएफओ प्रतिष्ठान से जुड़ने वाले कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुड़े थे या जिनकी नौकरी 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच चली गई थी उन्हें भी इस योजना का फायदा मिलेगा। यह योजना एक अक्तूबर 2020 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी ईपीएफओ से जुड़ें और पीएफ का फायदा उठाएं। ऐसे कर्मचारी जो पहले पीएफ के लिए पंजीकृत नहीं थे और जिनका वेतन 15 हजार रुपये से कम है उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा। जिन लोगों के पास अगस्त से सितंबर तक नौकरी नहीं थी लेकिन बाद में ईपीएफ से जुड़े हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना 30 जून 2021 तक लागू रहेगी। सरकार दो साल तक एक हजार कर्मचारियों वाली संस्थाओं को नई भर्ती वाले कर्मचारियों के पीएफ का पूरा 24 प्रतिशत हिस्सा सब्सिडी के तौर पर देगी। यह 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगा। एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों वाले संस्थान मे नए कर्मचारी के 12 प्रतिशत पीएफ योगदान पर सरकार 2 साल तक सब्सिडी देगी।
केंद्र सरकार ने इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) की अवधि बढ़ा दी है। अब इस योजना का लाभ 31 मार्च 2021 तक मिल सकेगा। वित्त मंत्री ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के तहत ईसीएलजीस स्कीम के अंतर्गत 61 लाख लोगों को लाभ मिला है।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे कुल 30 लाख मकानों को फायदा मिलेगा। यह राशि बजट में घोषित आठ हजार करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी। इससे 78 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि कामत समिति की सिफारिश के आधार पर 26 दबावग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की गई है। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र को भी शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों के लिए ईसीएलजीएस स्कीम 2.0 शुरू की जा रही है। एमएसएमई सेक्टर को भी इसका फायदा मिलेगा। इसमें मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है। इसमें कर्जधारक कंपनियों को एक साल तक 50 करोड़ से 500 करोड़ रुपये तक का मोरेटोरियम दिया जाएगा। यह योजना 31 मार्च 2021 तक लागू रहेगी। 10 क्षेत्रों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना शुरू की गई है। इससे रोजगार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। पहले इस योजना को तीन क्षेत्रों में शुरू किया गया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि निर्माण और बुनियादी ढांचा सेक्टर की कंपनियों को अब कॉन्ट्रैक्ट के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी के तौर पर पांच से 10 प्रतिशत के स्थान पर केवल तीन प्रतिशत की रकम रखनी होगी। यह राहत 31 दिसंबर 2021 तक जारी रहेगी।
वित्त मंत्रीसीतारमण ने कहा कि देश में निवेश बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत के तहत उठाए गए कदम से मजदूरों को फायदा हुआ है। किसानों को राहत देने के नतीजे भी अच्छे आए हैं। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन स्कीम (ईसीजीएलएस) के अंतर्गत 61 लाख कर्जदारों को 2.05 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इनमें से 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं और उन्हें दो चरणों में 1,43,262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ने सक्रियता और तेजी दिखाते हुए 1.32 लाख करोड़ रुपये का रिफंड दिया है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के तहत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी आवंटित की गई है। रेलवे में माल ढुलाई 20 प्रतिशत बढ़ी है। बैंक कर्ज वितरण में 5 प्रतिशत की बढ़त हुई है। अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था बेहतर होगी। एफपीआई का नेट निवेश भी सकारात्मक रहा है। जीएसटी कलेक्शन 10 प्रतिशत बढ़ा है। विदेशी मुद्रा भंडार भी 560 अरब डॉलर के रिकॉर्ड पर पहुंच गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के आंकड़े अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत दे रहे हैं। रिजर्व बैंक ने यह संकेत दिया है कि तीसरी तिमाही में ही अर्थव्यवस्था पॉजिटिव जीडीपी ग्रोथ हासिल कर सकती है। मूडीज ने भी भारत की रेटिंग में सुधार किया है। पहले हमारी रेटिंग जहां 9.6 निगेटिव थी अब इसे घटाकर 8.9 निगेटिव कर दिया गया है। इसी तरह 2022 के अनुमान को 8.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.6 प्रतिशत कर दिया है। यह संकेत है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है।
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