नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के बाद अब भारतीय रेलवे ने बड़ी कार्रवाई की है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने पश्चिम बंगाल, असम और बिहार में विरोध प्रदर्शनों के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और आगजनी की घटनाओं में शामिल 21 कथित उपद्रवियों की पहचान कर उनको गिरफ्तार कर लिया है। (आरपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों की पहचान का काम जारी है। करीब 87.99 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान की भरपाई तोड़फोड़ की घटनाओं में शामिल लोगों से की जाएगी।
गौरतलब है कि संसद द्वारा नागरिकता कानून पारित किए जाने के बाद दिसंबर 20220 में देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान भीड़ में शामिल लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें भी हुई थीं। बीते दिनों रेलवे ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में बताया था कि अकेले बंगाल में ही 13 से 15 दिसंबर के बीच हुए इन प्रदर्शनों में 84 करोड़ रुपये की रेल संपत्ति का नुकसान हुआ है। रिपोर्टों में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने पटरियों पर बोल्डर डाले और ट्रेन के डिब्बों को आग के हवाले किया था। अब तक राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने 27 जबकि आरपीएफ ने 54 मामले दर्ज किए हैं। रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी एवं हिंसा के सिलसिले में 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आरपीएफ के एक अधिकारी ने
बताया जिन 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से कुछ को घटनास्थल से
पकड़ा गया जबकि कुछ की पहचान वीडियो फुटेज के जरिए की गई। तोड़फोड़ में शामिल
लोगों की पहचान के लिए अभी भी वीडियो फुटेज की जांच-पड़ताल का काम जारी है। इससे
गिरफ्तार लोगों की संख्या और बढ़ने का अनुमान है। सर्वाधिक गिरफ्तारियां पश्चिम
बंगाल से की गई हैं। संपत्ति की भरपाई के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों को नोटिस भेजे
जाएंगे।