नई दिल्ली। “डिजिटल इंडिया” की ओर एक और बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी
सरकार वाहनों के दस्तावेजों जैसे की ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल), रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) और प्रदूषण
प्रमाणपत्र (पॉल्यूशन सर्टिफिकेट) को मोबाइल नंबर से लिंक कराना अनिवार्य करने जा
रही है। यह नया नियम एक अप्रैल 2020 से लागू होने की
उम्मीद है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इस पर लोगों से सुझाव मांगे हैं। आप अपने सुझाव 29 दिसंबर तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज सकते हैं।
दरअसल, बीते बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल को मंजूरी दी थी। पब्लिक और प्राइवेट कंपनियों के लिए पर्सनल डेटा को रेगुलेट करने की व्यवस्था करना ही इस बिल का उद्देश्य ऐसा कहा जा रहा है कि वाहन के दस्तावेजों को उसके मालिक के मोबाइल नंबर के लिंक कराने के बाद वाहन चोरी होने की जानकारी इकट्ठा करने में मदद मिलेगी। वाहन दस्तावेजों के साथ मोबाइल नंबर लिंक होने से गाड़ी की चोरी और खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने में सहायता मिलेगी। साथ ही ऐसा करने से केंद्र सरकार और बाकी सरकारी संस्थाओं के पास सभी वाहनों और ड्राइविंग लाइसेंस का पूरा डाटा मोबाइल नंबर के साथ मिलेगा। कई बार वाहन मालिक से संपर्क करना पड़ता है। ऐसे में आरटीओ, पुलिस और बाकी कोई एजेंसियां बड़ी आसानी से वाहन चालक या वाहन मालिक से संपर्क कर सकती हैं। साथ ही बड़े महानगरों में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट को लागू किया जा सकेगा।