बेंगलुरु। तब्लीगी जमात के मसले पर विवादित टिप्पणी कर्नाटक कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को भारी पड़ गई है। राज्य सरकार ने उनको नोटिस देकर 5 दिन में जवाब तलब किया है। साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने पांच दिनों के भीतर जवाब नहीं दिया तो अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम-1969 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आईएएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन ने कोरोना वायरस से मुक्त हो चुके तब्लीगी जमात के सदस्यों के प्लाज्मा डोनेशन पर एक विवादित टिप्पणी की थी। यही नहीं उन्होंने रिपोर्टिंग को लेकर मीडिया पर भेदभाव के आरोप लगाते हुए सवाल खड़े किए थे। 1996 बैच के आईएएस मोहसिन की इस ट्वीट पर काफी बवाल मचा और लोगों ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी को इस तरह का विवादित ट्वीट नहीं करना चाहिए था।
गौरतलब है कि मोहसिन पिछले साल उस वक्त भी चर्चा में आए थे जब अप्रैल में ओडिशा दौरे के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने का प्रयास किया था। उनके उक्त बर्ताव पर भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें निलंबित कर दिया था। मोहम्मद मोहसिन मूल रूप से बिहार से हैं। कर्नाटक सरकार का कहना है कि मोहसिन को उनके ट्वीट को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि ट्वीट को मीडिया में मिले निगेटिव रिऐक्शन का सरकार ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। कोरोना वायरस एक गंभीर मामला है जिससे निपटने के लिए संवेदनशीलता की जरूरत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने साफ कर दिया है कि “यदि ताकतवर अधिकारियों की भी गतिविधियां समरसता को बिगाड़ने का काम करती हैं तो वह उन पर भी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।”