वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपित डोनाल्‍ड ट्रंप के खिलाफ चल रही महाभियोग जांच की प्राथमिक रिपोर्ट जारी हो गई है। इस रिपोर्ट में ट्रंप को अपने व्‍यक्तिगत और राजनीतिक उद्देश्‍यों के लिए देश के हित से समझौता करने और अपने कार्यालय की शक्तियों का गलत इस्तेमाल करते हुए आगामी राष्‍ट्रपति चुनाव में अपने पक्ष में विदेशी मदद मांगने का दोषी करार दिया गया है। डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत वाली अमेरिकी सदन की न्यायिक समिति ने बुधवार सुबह इस रिपोर्ट को जारी किया। दूसरी ओर, व्हाइट हाउस के प्रवक्‍ता ने इस रिपोर्ट की आलोचना करते हुए इसे एकतरफा झूठी कार्रवाई करार दिया है।

300 पेज की इस जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप ने यूक्रेन को पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन और उनके बेटे से जुड़ी कंपनियों के खिलाफ अपने यहां जांच शुरू करने की घोषणा देने के लिए कई प्रस्ताव दिए थे। ट्रंप को दोबारा राष्‍ट्रपति बनाने के अभियान में इस मदद के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति को सैन्य मदद देने का वादा किया गया था। ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच फोन पर बातचीच होने की भी पुष्टि की गई है।

इस जांच रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी इतिहास में ट्रंप को छोड़कर किसी भी राष्ट्रपति ने एक्जीक्यूटिव अधिकारियों को संसद के सामने गवाही नहीं देने का सीधा आदेश नहीं दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप ने संसदीय गवाहों को सार्वजनिक रूप से धमकी दी जो संघीय अपराध है। रिपोर्ट में ट्रंप पर महाभियोग जांच को बाधित करने के प्रयास का आरोप भी लगाया गया है। साथ ही जांच को आगे भी जारी रखने के लिए सिफारिश की गई है।

ये है पूरा मामला

डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन समेत अपने घरेलू प्रतिद्वंद्वियों की छवि खराब करने के लिए यूक्रेन से गैरकानूनी तौर पर मदद मांगी। हाउस ज्युडिशियरी कमेटी अब इस पर सुनवाई शुरू करेगी कि क्या जांच में शामिल किए गए सबूत “राजद्रोह, घूस या अन्य अपराधों और खराब आचरण’ के आधार पर संवैधानिक रूप से महाभियोग चलाने के मानकों को पूरा करते हैं।”

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