लखनऊ। उम्र में फर्जीवाड़े के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा विधायक पद के अयोग्य ठहराए जा चुके सपा नेता अब्दुल्ला आजम पर एक और मार पड़ी है। उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को अब्दुल्ला आजम को विधायक के तौर पर मिले वेतन व अन्य सुविधाओं को वसूलने का निर्देश दिया है। दरअसल, चुनाव लड़ने के समय अब्दुल्ला की उम्र कम थी। उन्होंने फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा था। अब्दुल्ला सपा के कद्दावर नेता व सांसद आजम खान के पुत्र हैं।
संयुक्त चुनाव आयुक्त रत्नेश सिंह ने प्रधान सचिव और उत्तर प्रदेश विधानसभा को लिखे पत्र में कहा है कि अब्दुल्ला आजम को 15 फरवरी 2017 से लेकर 16 दिसंबर 2019 तक दिए गए वेतन व अन्य सुविधाओं की उनसे वसूली की जाए। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला की विधायकी को रद्द कर दिया था।
दरअसल, आजम खान के राजनीतिक प्रतिद्वंदी और अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बसपा नेता नवाब काजिम अली खान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उनसे वेतन-भत्तों व अन्य सुविधाओं पर खर्च की गई धनराशि की वसूली की मांग की थी। आयोग को लिखे अपने पत्र में नवाब काजिम अली खान ने कहा था, “जब कोई व्यक्ति चुनाव लड़ने के योग्य ही नहीं है लेकिन वह चुन लिया जाता है और कानूनी प्रक्रिया के बाद उसके चुनाव को रद्द कर दिया जाता है लेकिन चुने जाने और उसके चुनाव को रद्द किए जाने तक उसे वेतन के साथ ही अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जिसकी वसूली होनी चाहिए।” इसी के बाद चुनाव आयोग ने यह निर्देश दिया है।