रायपुर। पुरानी कहावत है- “नशा जो न कराये वह कम है।” इन दिनों यह बात शराब को लेकर राज्य सरकारों और पियक्कड़ों दोनों पर लागू हो रही है। शराब को अधिक से अधिक राजस्व वसूली का जरिया मानते हुए राज्य सरकारों ने लॉकडाउन-3 शुरू होते ही कोरोना वारियर्स की 40 दिन की मेहनत को दांव पर लगा दिया। शराबी भी कम नहीं, ठेके खुलते ही वहां ऐसे टूट पड़े जैसे अभी नहीं तो कभी नहीं। शराब की ऐसी हुड़क कि कोरोना वायरस का डर छूमंतर हो गया। ज्यादा से ज्यादा राजस्व जुटाने के लिए अरविंद केजरीवाल की सरकार ने 70 प्रतिशत कोरोना सरचार्ज लगाया तो छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार ने शराबियों को बेहतरीन तोहफा देते हुए मदिरा की होम डिलीवरी शुरू कर दी है। एक व्यक्ति 5 लीटर तक शराब घर मंगवा सकता है।
बीते सोमवार को 40 दिन बाद ठेके खुले तो पियक्कड़ों ने गला तर करने का इंतजाम करने के लिए पौ फटते ही ठेकों का रुख किया। दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर कई किलोमीटर लंबी लाइन नजर आ रही हैं। कर्नाटक में कुछ लोग शराब की दुकानों के बाहर ही नाश्ता और लंच करते नजर आए। बरेली वाले तो यारों के यार निकले, ठेकों पर एक-दूसरे के कंधे पर हाथ धरे लाइन में खड़े नजर आये। कई राज्यों में शराब के शैकीनों को पुलिस के डंडे भी खाने पड़ रहे हैं लेकिन हौसला कम नहीं हो रहा है।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के अनुसार पांच लीटर तक शराब की होम डिलीवरी के लिए सिर्फ एमआरपी से 120 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे। शराब के शौकीनों के लिए ये होम डिलीवरी चार्ज कोई ज्यादा नहीं है। दरअसल, दिल्ली के एक शराब के शौकीन ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें 100 रुपये की शराब 300 रुपये में मिल रही थी जबकि बरेली में एक बुजुर्ग शौकीन ने बताया कि ठेके बंद होने के दौरान कालाबाजारिये एक पव्वे के 600-700 रुपये तक वसूल रहे थे। इन बुजुर्गवार ने ठेक खुलवाने के लिए मोदी और योगी को झोली भर-भरकर दुआएं दीं।
बहरहाल, छत्तीसगढ़ में सरकारी अधिकारी कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने शराब के शौकीनों की सहूलियत और शराब दुकान में भीड़ कम करने के लिए शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी है। शराब के शौकीन अब मोबाइल ऐप और वेबसाइट के माध्यम से शराब खरीद सकते हैं। प्रदेश सरकार ने शराब की होम डिलीवरी की व्यवस्था ग्रीन जोन एरिया में शुरू की है। एक ग्राहक एक बार में 5000 एमएल तक का ऑनलाइन ऑर्डर कर सकता है। राज्य की शराब की दुकानें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन द्वारा संचालित की जाती हैं। शराब दुकानों में भीड़ को नियंत्रित करने और शारीरिक दूरी के पालन को देखते हुए डिलीवरी बॉय के माध्यम से शराब की आपूर्ति की व्यवस्था की शुरुआत की गई है।