नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर शाहीन बाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) की ओर उठती रही अंगुलियां अब सबूतों की शक्त अख्तियार करती दिख रही हैं। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शाहीन बाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जोड़ने वाले कुछ सबूतों का पता चला है। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सामने आने वाली इस सूचना का संबंध पीएफआई के साथ कांग्रेस और आप के कुछ बड़े नेताओं से भी है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने पीएफआई का कुछ अन्य संगठनों के साथ संबंधों का पता लगाया है जिसमें आप के कुछ बड़े नाम भी शामिल हैं। ईडी ने पीएफआई के साथ भीम आर्मी के संबंधों की भी जांच शुरू कर दी है।
ईडी ने जांच में पाया है कि 120.5 करोड़ रुपये 17 विभिन्न बैंकों के कुल 73 खातों में भेजे गए। इनमें से 27 बैंक खाते पीएफआई, नौ बैंक खाते रेहाब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) और कुछ खाते निजी लोगों और संस्थानों द्वारा संचालित हैं। यह भी पता लगाया कि इस दौरान बड़ी संख्या में नगदी के जरिए “डोनेशन” दिया गया जिसमें से एक तिहाई “डोनेशन” को पीएफआई के शाहीन बाग स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय में रखा गया है।
जांच से यह भी पता चला कि पीएफआई दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद कांग्रेस और आप के कई बड़े नेताओं के संपर्क में थे। ईडी ने पिछले महीने सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के लिए पीएफआई और आरएफआई को 120 करोड़ रुपये के फंडिंग के सबूत जुटाए थे जो कि मुख्यत: दिल्ली के शाहीनबाग क्षेत्र से जुड़े थे।
ईडी की कई टीमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पीएफआई और आरएफआई के बैंक खातों में रुपये भेजने वाले लोगों की जानकारी जुटा रही हैं।