उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में हुए खनन घोटाले में सीबीआइ की ओर से दिल्ली में एफआइआर दर्ज कराने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच जल्द शुरू कर सकता है।
लखनऊ। आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में हुए खनन घोटाले में सीबीआइ की ओर से दिल्ली में एफआइआर दर्ज कराने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच जल्द शुरू कर सकता है। उसने मामले का परीक्षण शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार खनन घोटाला की जांच को लेकर ईडी ने एक बैठक की थी जिसमें संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह भी शामिल थे। माना जा रहा है कि ईडी इस मामले में जल्द केस दर्ज कर जांच शुरू कर सकता है। अपनी एफआईआर दर्ज करने से पहले वह इस बात का भी इंतजार कर रहा है कि खनन घोटाले की रकम से जुड़े कितने तथ्य सामने आये हैं।
ईडी ने एफआईआर की प्रमाणित प्रति मांगी
ईडी ने सीबीआई से बी. चंद्रकला व अन्य के ठिकानों पर हुई छापेमारी के दौरान बरामद संपत्ति और एफआईआर की प्रमाणित प्रति मांगी है। सीबीआई ने हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में दर्ज एफआईआर में बी. चंद्रकला को आरोपी बनाया है। इस दौरा चंद्रकला की संपत्ति एक वर्ष में दस लाख से बढ़कर एक करोड़ रुपये होने की बात सामने आई थी। ईडी इन तथ्यों की जांच कर रहा है और सुबूत मिलने पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर सकता है।
सीबीआई ने बीती पांच जनवरी को की थी छपेमारी
सीबीआई ने उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन घोटाले में बीती दो जनवरी को मुकदमा दर्ज करने के बाद पांच जनवरी को लखनऊ समेत दर्जनभर स्थानों पर छापेमारी की थी। । इस मामले में उसने आइएएस अधिकारी बी.चंद्रकला, समाजवादी पार्टी के एमएलसी रमेश मिश्रा समेत 11 नामजद आरोपियों व अन्य अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इस क्रम में जांच एजेंसी ने चंद्रकला के लखनऊ और नोएडा के फ्लैट के साथ ही अन्य आरोपियों के ठिकानों पर कानपुर और हमीरपुर में छापेमारी की थी। छापेमारी में अहम दस्तावेजों के अलावा मोटी रकम और बड़ी मात्रा में सोना भी बरामद हआ था।
खनन घोटाले की जांच की आंच उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक पहुंचने की बात जा रही है। आरोप है कि अखिलेश यादव ने बतौर खनन मंत्री नियमों को दरकिनार कर कई खनन पट्टों का आवंटन किया जिनमें एक ही दिन में 13 पट्टों का आवंटन भी शामिल है। इसी तरह का आरोप पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर भी लगा था।