brain and facebookबोस्टन। फेसबुक हमें अधिक संकीर्ण मानसिकता वाला बना सकता है क्योंकि हम इस सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर उसी तरह की खबरें और विचार ढूंढते हैं जो हमारी अपनी राय से मेल खाते हों।

एक अध्ययन में कहा गया है कि सोशल मीडिया हमें अलग-थलग करता है, पक्षपात पैदा करता है तथा इनको पुष्ट करने में मददगार होता और कभी-कभार गलत सूचना भी देता है। अमेरिका में बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन को दो बिंदुओं-साजिश की आशंका और वैज्ञानिक सूचना- पर केंद्रित किया।

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमारे अध्ययन से पता चलता है कि फेसबुक का इस्तेमाल करने वाले लोग कुछ विशेष संदर्भ में में सूचना का चयन करते और उसे शेयर करते हैं तथा शेष चीजों की उपेक्षा कर देते हैं।’ शोधार्थी अलेसैंद्रो बेसी ने कहा, ‘फेसबुक पर मौजूद लोगों में एक यह चलन देखने को मिला कि वे ऐसी सूचना को सर्च करने, उसकी व्याख्या करने और याद करने का प्रयास करे हैं जो उनकी पहले से बनी हुई धारणा के अनुकूल होती है।’ इससे अध्ययन के नतीजों को ‘पीएनएएस’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

भाषा

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