लखनऊ। ऐसे कठिन समय में जब कोरोना की दूसरी लहर की वजह से प्रदेश में प्रथामिक विद्यालयों से लेकर उच्च शिक्षण संस्थान तक सभी बंद हैं और परीक्षाएं स्थगित हैं, सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश ने सभी को चौंका दिया। दरअसल, तेजी से वायरल हुए इस मैसेज में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की परीक्षाएं 5 जून 2021 से शुरू होने की न केवल जानकारी दी गई थी बल्कि परीक्षा कार्यक्रम भी दिया गया था।

शरारती तत्वों ने सोशल मीडिया को सनसनी और फर्जी खबरें फैलाने का हथियार बना लिया है। कुछ दिन पहले तक कोरोना महामारी को लेकर मनगढ़ंत खबरें फैलाई गईं। इस पर सख्ती हुई और कुछ लोग गिरफ्तार हुए तो शरारती तत्वों ने छात्र-छात्राओं को परेशान करने के लिए फर्जी परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया। इसमें 5 जून से परीक्षाएं शुरू होने की जानकारी मिलते ही छात्र-छात्राएं चौंक गए और अपने परिचितों को इसकी जानकारी देने के लिए इस मैसेज को फार्वर्ड करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते यह खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसकी जानकारी मिलते ही यूपी बोर्ड के अधिकारी भी सक्रिय हो गए। दरअसल यूपी बोर्ड कोविड संक्रमण की स्थिति में कुछ सुधार होने के बाद जुलाई के पहले सप्ताह तक इंटरमीडिएट की परीक्षा कराने की योजना बना रहा है। ऐसे में यूपी बोर्ड के सचिव ने इस परीक्षा कार्यक्रर्म का खंडन करने के साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी।

बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा कि परीक्षाएं 5 जून से शुरू होने का मैसेज पूरी तरह फर्जी है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से आग्रह किया है कि वे इस फर्जी कार्यक्रम का संज्ञान न लें। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

सोशल मीडिया पर वायरल फर्जी परीक्षा कार्यक्रम

यूपी बोर्ड द्वारा जारी किया गया खंडन

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