नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को घर में ही नजरबंद रखने की खबरों के बीच मंगलवार को वह मीडिया के सामने आए और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने जम्मू-कश्मीर पर संसद में लाये गए बिल को अंसवैधानिक बताया। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि फारूक अब्दुल्ला को हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है।
फारूक ने मंगलवार को कहा, “जैसे ही दरवाजे खुलेंगे हम बार आएंगे। हम लड़ेंगे, हम अदालत जाएंगे। हम बंदूक थामे नहीं है, न हम ग्रेनेड फेंकने वाले हैं, हम शांतिपूर्ण समाधान में यकीन रखते हैं। वे हमारी हत्या करना चाहते हैं, मेरा बेटा जेल में है।”
नेशनल कांफ्रेस नेता ने कहा, “हम हर मुद्दे का समाधान शांति से चाहते हैं और संसद में पेश विधेयक के खिलाफ अदालत जायेंगे।” उन्होंने कहा, कहा, “मैं अपनी मर्जी से घर पर क्यों बैठूंगा, जब मेरा राज्य जल रहा है, जब मेरे लोगों को जेल में डाला जा रहा है। यह वह भारत नहीं है जिसमें मैं यकीन करता था।”
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के एक बयान पर कहा कि फारूक अब्दुल्ला को न तो हिरासत में लिया गया है, न उन्हें गिरफ्तार किया गया है। वह अपनी मर्जी से अपने घर पर हैं। दरअसल, सुप्रिया सुले ने चर्चा के दौरान कहा, “मेरी बगल में फारूक अब्दुल्ला जी बैठते हैं और वे जम्मू-कश्मीर से चुनकर आए हैं। उनकी आवाज नहीं सुनाई दे रही है। यह चर्चा उनके बगैर हमेशा अधूरी रहेगी।”
अगर सचमुच ईमानदार हो कर सबके लिए काम किया होता तो ये दिन नहीं देखा होता, अब्दुल्ला साहेब ।