सिंगापुर, 13 अप्रैल। भूकंप के पूर्वानुमान के लिए भारतीय मूल की एक अनुसंधानकर्ता के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक खोजी है। इस नई तकनीक में पृथ्वी की उप-परतों के हिलने से होने वाले ‘स्लो फाल्ट मूवमेंट’ के आधार पर भूकंप का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा।
अब तक वैज्ञानिकों का मानना है कि छोटे कंपन या ‘स्लो फाल्ट मूवमेंट’ से रिएक्टर पैमाना पर दो इकाई से कम के भूकंप के झटके के बाद बड़ा भूकंप आने की संभावना नहीं होती है। हालांकि सिंगापुर के नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एनटीयू) के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि ये कंपन न केवल आसन्न भूकंप की ओर इशारा करते हैं बल्कि उन्होंने इनसे समझने योग्य पैटर्न भी खोज निकाला।
एनटीयू के ‘एशियन स्कूल ऑफ द एनवायरमेंट’ के सिलवैन बारबोट और ‘अर्थ ऑब्जर्वेटरी ऑफ सिंगापुर’ के एक पृथ्वी विज्ञानी ने कहा कि यह खोज ‘फाल्ट’ संचित होने और समय के साथ दबाव कम होने के बारे में हमारी समझ के उलट इशारा करती है। बारबोट की पीएचडी छात्रा दीपा मेले वीदू के नेतृत्व वाले अध्ययन का भूकंप का पूर्वानुमान लगाने के संबंध में बड़ा महत्व है।