Breaking News

शाहीन बाग में टकराव की आशंका, स्थानीय लोगों ने सड़क खुलवाने को दिया एक हफ्ते का अल्टीमेटम

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में बगैर इजाजत के शालीन बाग में मुख्य मार्ग पर धरना-प्रदर्शन कर रहे लोगों की वजह से लाखों लोगों को हो रही परेशानी और प्रदर्शनकारियों द्वारा शुक्रवार को की गई हिंसा की वजह से आसपास की कालोनियों के लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है। लोग इस वजह से और ज्यादा गुस्से में हैं कि पुलिस हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सड़क पर कब्जा किए लोगों को नहीं हटा रही है। परेशान लोगों ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि पुलिस कुछ नहीं करती है तो वे 40 दिन से बंद कालिंदी कुंज मार्ग को खुलवाने के लिए मार्च निकालेंगे। ऐसे में टकराव की आशंका बढ़ गई है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को शाहीन बाग में कुछ पत्रकारों के साथ मारपीट भी हुई। सड़क पार करने की कोशिश कर रहे लोगों को रोकने के भी मामले सामने आए। प्रदर्शनकारी दोपहिया वाहनों तक को नहीं निकलने दे रहे। प्रदर्शनकारियों की हठधर्मिता की वजह से लोगों को लंबे रास्ते से होकर काम पर जाना पड़ रहा है। आधा घंटे का रास्ता तय करने में 2 से 3 घंटे लग रहे हैं। सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं पर बच्चों के रोजाना चार से पांच घंटे शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन की वजह से बर्बाद हो रहे हैं।

 शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ अब स्थानीय लोग भी सड़कों पर उतरने वाले हैं। सरिता विहार के लोगों ने साफ तौर पर कह दिया है कि सड़क को घेरकर बैठे लोगों को नहीं हटाया गया तो वे 2 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे। वे अपनी कॉलोनी से शाहीन बाग तक मार्च निकालेंगे। सरिता विहार में रहने वाले लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल इस संबंध में सरिता विहार के एसीपी अजब सिंह से मिला और साफ तौर पर कहा कि अगले हफ्ते तक कोई रास्ता नहीं निकला तो प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन की तैयारी में जुटे एक रेजिडेंट गब्बर सिंह चौहान ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी की रैली जैसा नहीं होगा। जैसे शाहीन बाग के लोगों को प्रदर्शन का हक है, वैसे ही सरिता विहार और जसोला के लोगों को भी इसका विरोध करने का हक है।

दूसरी ओर कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं की गैरजिम्मेदाराना भाषणबाजी की वजह से शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी इस हद तक भ्रमित हैं कि वे यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कालिंदी कुंज मार्ग को आमजन के लिए खोला जाए या नहीं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बैरिकेड हट भी जाएं तो सड़क पर चलना मुश्किल होगा क्योंकि वहां करीब 40 फीट का धातु का बना भारत का नक्शा रखा है जिसे क्रेन की मदद से ही हटाया जा सकता है। इसे वेल्डिंग करके बनाया गया है जिसे हटाने में कुछ दिन लग सकते हैं।

गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मिलकर सड़क को ट्रैफिक के लिए खोलने का भरोसा दिया था। बावजूद इसके दोपहिया वाहनों को भी वहां से गुजरने नहीं दिया जा रहा है। शाहीन बाग शुक्रवार को हिंसा हुई। वहां एक निजी चैनल के साथ-साथ दूरदर्शन के पत्रकार पर भी हमला किया गया। एक निजी चैनल के पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की का विडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है।

gajendra tripathi

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago