नई दिल्ली। पहली ज्वाइंट एयर डिफेंस कमांड इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगी। इसका ढांचा तैयार हो गया है जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। इसके अलावा ज्वाइंट ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक कमांड की स्थापना भी की जाएगी।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत ने सोमवार को यहां मीडिया के साथ बातचीत में यह जानकारी दी। सीडीएस ने बताया कि ग्वलियर वायुसेना के प्रशिक्षण का बेस होगा। इस समय मुंबई, गुवाहाटी और अंडमान वायुसेना के प्रशिक्षण का बेस हैं। 

रावत ने कहा कि भारतीय वायुसेना भारतीय एयर डिफेंस कमांड के अधीन आएगी। लंबी दूरी की सभी मिसाइलें और एयर डिफेंस से जुड़ी संपत्ति इसके दायरे में आएंगी। उन्होंने बताया कि भारत जम्मू-कश्मीर में अलग “थिएटर कमांड” स्थापित करने की योजना बना रहा है। भारतीय नौसेना के वेस्टर्न और इस्टर्न कमांड का विलय कर “पेनिसुलर कमांड” बनाई जाएगी।

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