आगरा। प्रदेश में अब दुपट्टे के रंग को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। दुनिया का सातवां अजूबा ताजमहल देखने पहुंची विदेशी माडल्स से उनका दुपट्टा सिर्फ इसलिए उतरवा लिया गया क्योंकि वह केसरिया रंग का था। इस घटना के बाद हिन्दू संगठनों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने मुखर विरोध दर्ज कराया है।

अंग्रेजी के प्रमुख समाचार पत्र टाइम्स आॅफ इण्डिया की एक रिपोर्ट के अनुसार गत दिवस यानि 20 अप्रैल को यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब दिल्ली में 12 से 22 अप्रैल तक आयोजित सुपरमॉडल इंटरनेशनल कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए आई विभिन्न देशों की करीब 34 मॉडल्स ताजमहल देखने पहुंचीं। यहां घूमने के दौरान गर्मी से बचने के लिए उन्होंने ‘जय श्री राम’ लिखेे भगवा रंग के दुपट्टे से अपने सिर को ढक रखा था। जब वे लोग ताजमहल को देखने के लिए परिसर में दाखिल हो रही थीं, वहां तैनात CISF के जवान ने उनसे दुपट्टा हटाने को कहा।

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रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को जब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के अधिकारियों ने सुपर मॉडल प्रतियोगिता में भाग ले रहीं कुछ देशों की प्रतिभागियों को, जिन्होंने हिन्दू धर्म के चिन्ह और जय श्री राम लिखा दुपट्टा पहन रखा था, को ताजमहल में प्रवेश के दौरान उतरवा दिया।

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हिन्दू जागरण मंच और भारतीय जनता युवा मोर्चा सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों ने कहा कि इस से हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

हिन्दू जागरण मंच के सदस्यों ने गुरुवार (20 अप्रैल) को आगरा के माल रोड स्थित भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण (एएसआई) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। बाद में एएसआई और सीआईएसएफ ने कहा कि उन्होंने वही किया जो नियमों में लिखा है और विवाद को यहीं खत्म कर दिया गया।

एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी भुवन विक्रम ने कहा, ‘पत्र लिखकर सीआईएसएफ से पूरे घटनाक्रम पर जानकारी मांगी गई है।’ हालांकि विक्रम ने नियमों का हवाला दिया और कहा कि प्राचीन स्मारक और पुरातात्त्विक स्थल व अवशेष अधिनियम 1959 की धारा (8 डी) के अनुसार आम तौर पर पर्यटकों को इस तरह के सामान को साथ लाने से मना किया गया है।

सीआईएसएफ कमांडेंट बृज भूषण ने कहा, ‘एएसआई ने एक आदेश के जरिए साफ तौर पर कहा है कि संरक्षित स्मारक के भीतर किसी भी तरह के धार्मिक चिन्ह पर प्रतिबंध है। हमारी मंशा किसी के धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं है।’

विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सीआईएसएफ कमांडेंट ने यह भी कहा कि मॉडल्स अपने देश के झंडे और ब्रांड प्रमोशन के लिए कुछ आइटम्स के साथ आई थीं, उन्हें भी स्मारक के भीतर लेकर नहीं जाने दिया गया।

साभार: ज़ी मीडिया
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