लखनऊ। टेरर फंडिंग मामले में आतंक रोधी दस्ते (एटीएस) और स्थानीय पुलिस ने लखीमपुर खीरी से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारतीय और नेपाली मुद्रा एवं कई मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। ये रकम नेपाल से लाई जा रही थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो बरेली जबकि दो लखीमपुर खीरी के तिकुनिया के रहने वाले हैं। ये लोग विदेश से नेपाल की बैंकों में आने वाले धन को भारतीय मुद्रा में तब्दील करा कर खीरी के रास्ते से देशभर में भेजते थे। इन रुपयों का इस्तेमाल आतंकवादी घटनाओं में भी किया जाता था। इस गिरोह ने एक नेपाली बैंक की बेबसाइट हैक करके 49 लाख रुपये निकाले थे। ये रुपये भी भारत में आतंकवादी गतिविधियों के लिए भेजे गए थे।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानदेशक ओपी सिंह ने यहां शुक्रवार को प्रेसवार्ता में बताया कि पुलिस को जानकारी मिली थी कुछ लोग नेपाल से अवैध रूप से धनराशि मंगाकर भारत में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों तक पहुंचा रहे हैं। जानकारी मिली थी 10 अक्टूबर को काफी मात्रा में नेपाल से धनराशि लाई जा रही है। इस सूचना के आधार पर एटीएस और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने उम्मेद अली और समीर सलमानी निवासी बरेली तथा एजाज अली और संजय अग्रवाल निवासी लखीमपुर खीरी को गिरफ्तार कर लिया। उम्मेद अली के कब्जे से दो लाख रुपये की भारतीय मुद्रा, संजय अग्रवाल के कब्जे से एक लाख 35 हजार रुपये की नेपाली मुद्रा, समीर सलमानी के पास से एक लाख 50 हजार रुपये की भारतीय मुद्रा और अली के कब्जे से एक लाख रुपये की भारतीय मुद्रा बरामद हुई।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि मुमताज, फहीम, सिराजुद्दीन और सदाकत अली के कहने पर वे यह काम कमीशन लेकर करते थे। वे नेपाल से लायी गई धनराशि को बरेली निवासी फईम और सदाकत देते थे और उनसे कमीशन ले लिया जाता था। फईम और सदाकत इस रकम को दिल्ली पहुंचाते थे। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे विदेशी मुद्रा को नेपाल के बैंकों में जमा करवाते थे। इसके बाद वहां के किसी खाताधारक से उसे निकलवाकर भारत लाते थे। यहां नेपाली मुद्रा को भारतीय मुद्रा में बदलवा दिया जाता था। इस काम के लिए उनको छह प्रतिशत कमीशन मिलता था।