लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ जंग के लिए 21 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन लागू किए जाने की घोषणा के बाद मची अफरा-तफरी और सड़कों पर उतरी भीड़ के चलते संक्रमण के बेहद तेजी से फैलने की आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को बेहद सख्त फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “जो जहां है उसे वहीं रोकने का आदेश” दिया है। प्रदेश में 1 मार्च 2020 के बाद आये हर व्यक्ति की जांच होगी। जिस व्यक्ति पर संक्रमण का जरा भी शक होगा, उसे क्वारंटाइन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के इस बेहद कड़े आदेश के बाद लोग अब 14 अप्रैल 2020 के बाद ही अपने गांव-घर जा पाएंगे। मुख्य सचिव ने इस बारे में आदेश जारी कर दिए हैं। अब गृह जिले में लौटने वालों को वहीं क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके साथ ही अब किसी को भी 14 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के जो लोग देश के किसी अन्य राज्य में रह रहे हैं वे लोग लॉकडाउन के मद्देनजर जारी इस आदेश का पूर्णतः पालन करें। उत्तर प्रदेश के जो भी निवासी जहां पर हैं वह वहां पर प्रदेश सरकार के नोडल अधिकारी के संपर्क में रहें। उनको हर प्रकार की मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश सारा खर्च वहन करेगी।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते रविवार को लखनऊ में स्थलीय निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने लखनऊ-आगरा एकसप्रेस-वे के साथ लखनऊ-प्रयागराज रोड के टोल प्लाजा पर काफी भीड़ देखी। इस भीड़ और उत्तर प्रदेश-दिल्ली की सीमा पर उत्पन्न स्थिति को देखकर उन्होंने तत्काल ही किसी भी राज्य से उत्तर प्रदेश में लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह रोक लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी। इसके साथ ही प्रदेश में 1 मार्च के बाद से आए हर व्यक्ति की निगरानी और स्वास्थ्य की जांच करने का निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि जरा भी शक हो तो क्वारंटाइन करें, लोगों को 14 दिनों का हेल्थ प्रोटोकॉल पालन कराएं।
मुख्यमंत्री नॉयोगी
आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो भी लोग आ गए हैं या पहले से रह
रहे हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी उनकी सरकार की है।
ऐसे लोगों को भोजन, शुद्ध पानी, दवा देंगे पर उनके कारण बाकी लोगों के स्वास्थ्य का कोई खतरा
भी नहीं पैदा होने देंगे। जो बाहरी राज्यों के कामगार हैं, अधिकारी उनकी दैनिक जरूरतों और आर्थिक जरूरतों की
चिंता करें जिससे वे अपने-अपने राज्यों के लिए पलायन ना करें। जो चुनौती हमारे
राज्य पर आई है, हम नहीं चाहते कि पलायन के चलते बाकी
राज्यों के सामने भी ऐसी चुनौती आए।