नई दिल्ली। (Foundation funding will be investigated, Rajiv Gandhi Foundation) गांधी परिवार से जुड़े तीन ट्रस्टों में वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी की जांच की जाएगी। गृह मंत्रालय ने जांच में समन्वय के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति का गठन किया है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी। सरकार का कहना है कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ आयकर और विदेशी चंदे के नियमों के कथित उल्लंघन की जांच की जाएगी। यह जांच गांधी परिवार से जुड़े ट्रस्टों के प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), इनकम टैक्स एक्ट और फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के नियमों के उल्लंघन पर फोकस होगी।

गृह मंत्रालय की तरफ से गठित की गई समिति का मुख्य काम इन संस्थानों की फंडिंग और इसके द्वारा किए गए नियमों के उल्लंघनों की जांच करना होगा। इस समिति की अगुवाई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष निदेशक करेंगे।

ये है पूरा मामला

 भारत-चीन सीमा विवाद के बीच कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू किया। इस दौरान भाजपा ने कांग्रेस को भी उसके जाल में फंसा लिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से फंडिंग मिलती थी। इसके अलावा यूपीए (मनमोहन सिंह) सरकार के समय प्रधानमंत्री राहत कोष का पैसा भी राजीव गांधी फाउंडेशन में जमा किया गया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं। इसके बोर्ड में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पी. चिदंबरम और मनमोहन सिंह शामिल हैं। भाजपा ने साथ ही आरोप लगाया था कि मनमोहन सिंह ने 1991 के बजट भाषण में राजीव गांधी फाउंडेशन को 100 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया। देश की सबसे पुरानी पार्टी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन देश का फाउंडेशन है और इसका काम सेवा करना है। उसका कहना है कि चीन से साथ सीमा पर जारी संकट से ध्यान भटकाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार इस तरह के आरोप लगा रही है।

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