नई दिल्ली। खाड़ी देशों के लिए फर्जी वर्क वीजा उपलब्ध कराने वाले एक और गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये लोग खाड़ी देशों में रोजगार के अवसर तलाश रहे नौजवानों को फर्जी वर्क वीजा उपलब्ध कराते थे। इनसे पूछताछ में 10 लोगों के साथ हुई ठगी का खुलासा हुआ है।
दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस के उपायुक्त संजय भाटिया ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान प्रेम कुमार, राकेश कुमार और गगनदीप के रूप में हुई है। ये तीनों 50 हजार रुपये के एवज में फर्जी वर्क बीजा उपलब्ध कराते थे। भाटिया ने बताया कि इमीग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने 27 मई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया था कि 10 युवक रोजगार के इरादे से दुबई जाने के इरादे से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पहुंचे थे। इन सभी के पास संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का वर्क वीजा था। दस्तावेजों की जांच के दौरान प्रोटेक्टर ऑफ इमीग्रेंट स्टीकर और पासपोर्ट पर लगी डिपार्चर स्टैंप फर्जी पाई गई। इसके चलते इन सभी को दुबई जाने की इजाजत न देते हुए दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया गया।
डीसीपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन के एसएचओ कृष्ण कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान सभी 10 यात्रियों के बयान दर्ज किए गए जिसमें उन्होंने बताया कि राजस्थान के एक समाचार पत्र में उन्होंने दुबई के वर्क वीजा को लेकर विज्ञापन पढ़ा था। इस विज्ञापन पर दिए गए नंबर पर संपर्क करने पर आरोपियों से बात हुई। बातचीत के आधार पर उन्होंने दुबई के हरेक वर्क वीजा के लिए आरोपियों को 50 हजार रुपये दिए।
जांच के दौरान
पुलिस ने पाया कि तीनों आरोपियों द्वारा यात्रियों को उपलब्ध कराए गए ई-वीजा, एयर टिकट और पीओई स्टीकर फर्जी हैं। यात्रियों से
मिली जानकारी के आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस आरोपियों की तलाश शुरू की। सब
इंस्पेक्टर संदीप मलिक के नेतृत्व में एक टीम को चंडीगढ़ भेजा गया। सभी साक्ष्य
एकत्रित करने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर
लिया।