लखनऊ। हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के छह महीने बाद लखनऊ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सभी 13 आरोपितों पर गैंगस्टर एक्ट तामील किया है। कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर 2019 को उनके घर में उनसे मिलने आए दो युवकों ने हत्या कर दी थी।

मूलरूप से सीतापुर के महमूदबाद कस्बे के निवासी कमलेश तिवारी लखनऊ के खुर्शेदबाग में परिवार के साथ रहते थे। यहीं पर उनका कार्यालय भी था। बीते वर्ष 18 अक्टूबर को जब कमलेश तिवारी अपनी पार्टी के कार्यालय में बैठे थे, उसी दौरान दो लोगों ने मुलाकात के बहाने पहुंचकर उनकी हत्या कर दी थी। इसकी जांच में हुए खुलासे के मुताबिक हत्यारे मिठाई के डिब्बे में हथियार छिपाकर कार्यालय में दाखिल हुए थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक हत्यारों ने कमलेश तिवारी पर 15 बार चाकुओं से वार किया, गला रेता और गोली भी मारी।

एडीसीपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के अनुसार इस मामले में पुलिस ने हत्या, सबूत छिपाने और जालसाजी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 13 लोगों को नामजद किया है। इनमें अहमदाबाद के ग्रीन ब्यू अपार्टमेंट निवासी अशफाक हुसैन, मोईनुद्दीन उर्फ फरीद, पठान रशीद, जिलानी पार्क (गुजरात) के फैजान मेंबर, सूरत के गांधीनगर जूना डिपो के मोहसीन सलीम शेख, नागपुर टाकली के सैयद आसिम अली, बरेली के शाहाबाद के कैफी अली, बरेली के ही मोहम्मद नावेद, बरेली के मोहम्मद आसिफ रजा,  लखीमपुरखीरी के पठान मोहल्ला के रईस अहमद, फतेहपुर हरगाव के यूसुफ खान, कर्नाटक के पुरानी हुबली निवासी मौलाना मोहम्मद जफर सादिक कुप्पेलर शामिल हैं। इनमें से अशरफ और मोइनुद्दीन पर कमलेश तिवारी की हत्या करने का आरोप है। बाकी पर साजिश में शामिल होने का आरोप है।इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।

इस मामले में पुलिस ने शुरुआत में गुजरात से तीन और उत्तर प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया। प्रदेश एटीएस ने अक्टूबर में अशरफ और मोइनुद्दीन की तस्वीरें जारी कर ढाई-ढाई लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। एटीएस ने अशरफ और मोइनुद्दीन को गुजरात-राजस्थान सीमा से गिरफ्तार किया था। 

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