नई दिल्ली। विशाखापट्टनम की एलजी पॉलिमर फैक्ट्री में गुरुवार को तड़के हुए गैस रिसाव ने भोपाल गैस कांड की याद दिला दी जब यूनियन कार्बाइड के प्लांट में हुए जहरीले रिसाव ने 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी। देश में इनके अलाव भी इस तरह के मामले सामने आए हैं।
–मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में 3 दिसंबर 1984 की रात हुए गैस रिसाव ने आधिकारिक तौर पर 15,274 लोगों की जान ली थी। यह दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटनाओं में गिनी जाती है। करीब 36 साल बाद भी इस फैक्ट्री के आसपास रहने वाले तमाम लोग सांस और फेफडे के गंभीर रोगों से परेशान हैं। इस हादसे के बाद पैदा हुए कई बच्चे मानसिक रूप से कमजोर पाये गए।
-महाराष्ट्र के लातूर में 31 जनवरी 2017 को हुए गैस रिसाव ने 9 मजदूरों की जान ले ली थी।
-मुंबई में 17 फरवरी 2018 को गैस लीक होने की वजह से 1 शख्स की मौत हो गई थी।
-उत्तर प्रदेश की शामली शुगर मिल में 10 अक्टूबर 2017, लखनऊ में 4 अप्रैल 2018 और दिल्ली के तुगलकाबाद में 6 मई 2017 को गैस लीक के मामले सामने आए थे। हालांकि इन जगहों पर किसी की मौत नहीं हुई थी।
-उत्तर प्रदेश के सीतापुर में 6 फरवरी 2020 को हुए गैस रिसाव ने 7 लोगों की जान ले ली थी।
-हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में 16 अप्रैल 2020 को गैस लीक का मामला सामने आया था जिसमें 1 व्यक्ति की मौत हुई थी।