जिनेवा। कश्मीर मामले में हर जगह मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अब यहां संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (United Nations Human Rights Council) में इस मुद्दे को उठाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। हालांकि यहां भी उसका हर मंसूबा नाकाम हो रहा है। इसके विपरीत उसके अवैध कब्जे वाला गिलगित-बाल्टिस्तान भी कश्मीर मुद्दे पर उसकी कलई खोल रहा है। पाकिस्तान को एक पाखंडी करार देते हुए, गिलगित-बाल्टिस्तान के एक प्रमुख नेता सेंज एच. सेरिंग (Senge H. Sering) ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो जबरन कब्जा करने में भरोसा करता है। गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान के सिंध और बलूचिस्तान के विभिन्न संगठन भी पाकिस्तान सरकार, खासकर पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे दमन के खिलाफ जिनेवा में आवाज उठा चुके हैं।
इस तरह देखा जाए तो पाकिस्तान का कश्मीर के लोगों को समर्थन झूठा और सतही है। इसका जीता जागता सबूत पिछले 70 सालों से गुलाम कश्मीर (पीओके) में पाकिस्तान के अत्याचार बता रहे हैं।
जिनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNGC)के 42वें सत्र के अवसर पर गिलगित-बाल्टिस्तान स्टडीज के निदेशक एसएच सेरिंग ने कहा, “गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग कह रहे हैं कि पाकिस्तान एक पाखंडी है, उसके दोहरे मापदंड हैं, …वह एक आपराधिक देश और एक व्यवसायी देश है।” सेरिंग ने कहा, “मेरा तर्क है कि मैं गिलगित-बाल्टिस्तान से हूं और जैसा कि पाकिस्तान बाल्टिस्तान को गाली दे रहा है, मैं पाकिस्तान को कभी भी कश्मीर के दोस्त के रूप में नहीं देखूंगा। यह सोचना मेरे लिए कपटपूर्ण होगा कि कश्मीर घाटी के बारे में बात करने वाले पाकिस्तान के अपने कुछ मूल्य हैं जबकि वह गिलगित-बाल्टिस्तान की जमीन का दुरुपयोग कर रहा है। जम्मू-कश्मीर के बारे में पाकिस्तान सतही है और वह कश्मीर को लेकर पिछले 70 वर्षों से पाखंड कर रहा है।”
सेरिंग की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के फैसले के बाद से भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सत्र में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने धारा 370 को निरस्त करने के भारत सरकार के ऐतिहासिक कदम के खिलाफ कश्मीर पर एक झूठी कहानी पेश की। हालांकि, भारतीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई गई। साथ ही किसी भी देश ने इसे लेकर पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया।