Breaking News

जीएसटी : विलंब शुल्क से परेशान कारोबारियों को बड़ी राहत

वित्त मंत्री की घोषणा से साफ है कि कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी, उनकी लेट फीस कम कर दी गई है। इसका फायदा 1 जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा। 

नई दिल्ली। (40th meeting of GST Council) कोरोना वायरस संकट के बीच पहली बार हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी के विलंब शुल्क (Late fee) से परेशान कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई परिषद की इस बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान मासिक जीएसटी बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपये तय किया गया।” जीएसटी काउंसिल की इस 40वीं बैठक में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हुए। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद थे।

वित्त मंत्री की इस घोषणा से साफ है कि कोरोना वायरस संक्रमण शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी, उनकी लेट फीस कम कर दी गई है। इसका फायदा 1 जुलाई 2020 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक रिटर्न फाइल करने वालों को भी मिलेगा। जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य जीसटी रिटर्न वाली पंजीकृत इकाइयों पर कोई विलंब शुल्क नहीं लगेगा। वहीं 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा।

निर्मला सीतारमण ने मीडिया को बताया कि  जीएसटी परिषद फुटवियर, उर्वरक और कपड़ा क्षेत्र में उलट शुल्क ढांचा सुधारने पर गौर कर रही है। पान मसाले पर टैक्स को लेकर संवाददाताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पान मसाले पर कर लगाने को लेकर जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में विचार होगा। उन्होंने कहा कि राज्यों की मुआवजा की जरूरतों पर विचार के लिए एक विशेष बैठक जुलाई में होगी। उसका केवल यही एक एजेंडा होगा। सीतारमण ने कहा कि परिषद ने इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को लेकर किसी भी तरह के फैसले को फिलहाल टाल दिया है। 

इससे पहले मार्च में हुई जीएसटी काउंसिल की 39वीं बैठक में भी कोरोना वायरस को लेकर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा हुई थी। उस दौरान भारत में कोरोना वायरस के मामले बेहद कम थे और लॉकडाउन का भी फैसला नहीं किया गया था। गौरतलब है कि कम संग्रह और रिटर्न दाखिल करने की विस्तारित समय सीमा के साथ, सरकार ने अप्रैल और मई के लिए मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह के आंकड़े जारी नहीं किए हैं। मौजूदा समय में जीएसटी संरचना के तहत, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत स्लैब के तहत कर लगाया जाता है। उच्चतम कर स्लैब के ऊपर, लक्जरी, और डीमेरिट गुड्स पर उपकर लगाया जाता है और उसी से प्राप्त आय का उपयोग राज्यों को किसी भी राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है।

gajendra tripathi

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago