Breaking News

Guru Purnima 2019:आषाढ़ की पूर्णिमा ही क्यों है गुरु पूर्णिमा जानिए महत्व

Guru Purnima 16 JULY 2019:गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को श्रद्धाभाव व उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व जीवन में गुरु की महत्ता को समर्पित है। कहा जाता है कि आषाढ़ पूर्णिमा को चारों वेदों के व महाभारत के रचयिता, संस्कृत के परम विद्वान कृष्ण द्वैपायन आदि गुरु वेद व्यास का जन्म हुआ था। उनके सम्मान में ही आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। मगर गूढ़ अर्थों को देखना चाहिए क्योंकि आषाढ़ मास में आने वाली पूर्णिमा तो पता भी नहीं चलती है। आकाश में बादल घिरे हो सकते हैं और बहुत संभव है कि चंद्रमा के दर्शन तक न हो पाएं।

बिना चंद्रमा के कैसी पूर्णिमा! कभी कल्पना की जा सकती है? चंद्रमा की चंचल किरणों के बिना तो पूर्णिमा का अर्थ ही भला क्या रहेगा। अगर किसी पूर्णिमा का जिक्र होता है तो वह शरद पूर्णिमा का होता है तो फिर शरद की पूर्णिमा को क्यों न श्रेष्ठ माना जाए क्योंकि उस दिन चंद्रमा की पूर्णता मन मोह लेती है। मगर महत्व तो आषाढ़ पूर्णिमा का ही अधिक है क्योंकि इसका विशेष महत्व है।

आषाढ़ की पूर्णिमा ही क्यों है गुरु पूर्णिमा

आषाढ़ की पूर्णिमा को चुनने के पीछे गहरा अर्थ है। अर्थ है कि गुरु तो पूर्णिमा के चंद्रमा की तरह हैं जो पूर्ण प्रकाशमान हैं और शिष्य आषाढ़ के बादलों की तरह। आषाढ़ में चंद्रमा बादलों से घिरा रहता है जैसे बादल रूपी शिष्यों से गुरु घिरे हों. शिष्य सब तरह के हो सकते हैं, जन्मों के अंधेरे को लेकर आ छाए हैं। वे अंधेरे बादल की तरह ही हैं। उसमें भी गुरु चांद की तरह चमक सके, उस अंधेरे से घिरे वातावरण में भी प्रकाश जगा सके, तो ही गुरु पद की श्रेष्ठता है। इसलिए आषाढ़ की पूर्णिमा का महत्व है! इसमें गुरु की तरफ भी इशारा है और शिष्य की तरफ भी। यह इशारा तो है ही कि दोनों का मिलन जहां हो, वहीं कोई सार्थकता है।

गुरु पुर्णिमा पर्व का महत्व

‘गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागू पांव, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताए’।।

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरुपूर्णिमा मनाई जाती हैं। शास्त्रों में गुरु को विशेष दर्जा दिया गया है। जीवन में गुरु और शिक्षक के महत्व को आने वाली पीढ़ी को बताने के लिए यह पर्व आदर्श है। व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा अंधविश्वास के आधार पर नहीं बल्कि श्रद्धाभाव से मनाना चाहिए।

गुरु का आशीर्वाद सबके लिए कल्याणकारी व ज्ञानवर्द्धक होता है, इसलिए इस दिन गुरु पूजन के उपरांत गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार इस दिन खीर का प्रसाद बनाकर सभी में वितरित करना भी बहुत शुभ होता है। खास तौर पर जिन लोगों का चंद्रमा सही न हो उनके लिए यह अतिफलदायक है। गुरु पूर्णिमा से सावन का महीना भी शुरू हो जाएगा।

3 घंटे का होगा ग्रहण का समय

इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को होगा। यह लगातार दूसरा साल है, जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। ग्रहण का समय तकरीबन 3 घंटे का होगा, जो 1:32 बजे मध्यरात्रि से तड़के 4:30 बजे तक होगा। इसका असर भारत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका
में भी होगा।

vandna

Recent Posts

गीत-संगीत संध्या में गायकों ने बिखेरे रंग, सम्मानित हुए सुरेन्द्र बीनू सिन्हा

Bareillylive : मानव सेवा क्लब द्वारा दीपावली के अवसर पर क्लब के कहरवान स्थित कार्यालय…

10 hours ago

सुरेश शर्माजी ने रोहिलखंड विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर किया था आंदोलन: साकेत

Bareillylive : प्रेम सुरेश फाउंडेशन सुरेश शर्मा नगर बरेली द्वारा सुरेश शर्मा जयंती समारोह का…

10 hours ago

बी.सी.सी.आई. घरेलू क्रिकेट कूच बेहार ट्राफी अंडर-19 मैच का उद्घाटन समारोह कल

Bareillylive : बी.सी.सी.आई. के घरेलू क्रिकेट के अंतर्गत कूच बेहार ट्राफी अंडर-19 मैच बरेली में…

10 hours ago

बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर में श्री अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मना, सैकड़ों ने चखा प्रसाद

Bareillylive : बरेली के प्राचीनतम एवं भव्यतम बाबा त्रिवटी नाथ मंदिर में श्री अन्नकूट महोत्सव…

3 days ago

सूने पड़े चित्रगुप्त चौक को हिंदू सेना अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट ने किया रोशन

Bareillylive : हिंदू सेना अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने श्री चित्रगुप्त चौक…

3 days ago

31,000 दीपों की रोशनी से जगमगाया रिजर्व पुलिस लाइन परेड ग्राउंड

Bareillylive : दीपावली त्योहार के पावन अवसर पर रिजर्व पुलिस लाइन बरेली में दीपोत्सव कार्यक्रम…

3 days ago