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“जाना था गोरखपुर, पहुंच गई राउरकेला”, अजब रेलवे की गजब कहानी

गुरुवार को मुंबई से गोरखपुर के लिए रवाना हुई इस ट्रेन को सबसे छोटे रूट (Shortest route) से गुजरना था लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने इसका रूट इतना लंबा कर दिया कि यह ट्रेन 8 राज्यों का चक्कर काटकर शनिवार को सुबह राउरकेला पहुंच गई।

नई दिल्ली। (Labor special train reached Rourkela instead of Gorakhpur) आपने कभी न कभी कोई ऐसा थ्रिलर जरूर पढ़ा होगा जिसमें मुख्य पात्र जंगल, रेगिस्तान या समुद्र में भटक कर कहीं का कहीं पहुंच जाता है। एक हिंदी फिल्म में तो गाना ही है- जाना था जापान पहुंच गए चीन। लेकिन, अपने भारत में तो लॉकाडाउन 4.0 के दौरान ऐसा “कारनामा” हुआ कि यात्रियों से भरी एक ट्रेन गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) की बजाय राउरकेला (ओडिशा) पहुंच गई। घर वापसी की उम्मीद के साथ मुंबई को वसई स्टेशन से इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुए हालात के मारे प्रवासी श्रमिकों को अब अपने घर पहुंचने के लिए और इंतजार करना पड़ेगा।

बीती 21 मई (गुरुवार) को मुंबई से गोरखपुर के लिए रवाना हुई इस ट्रेन को सबसे छोटे रूट (Shortest route) से गुजरना था लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने इसका रूट इतना लंबा कर दिया कि यह ट्रेन 8 राज्यों का चक्कर काटकर शनिवार को सुबह राउरकेला पहुंच गई।

सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी हल्ला मचा हुआ। छीछालेदर होने के बाद पश्चिम रेलवे सफाई दी कि कि “भारी ट्रैफिक” कारण वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रूट में बदलाव किया गया। इस ट्रेन को कल्याण, भुसावल, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, नैनी, दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन होते हुए गोरखपुर पहुंचना था। यह इसका सबसे छोटा रास्ता तो नहीं है लेकिन रेलवे ने जो तय किया, उसी के हिसाब से चलेगी। उस हिसाब से इसे तीन राज्यों से गुजरना था। लेकिन, इसका रूट बदल दिया गया और यह ट्रेन कई राज्यों का चक्कर काटकर ओडिशा पहुंची।

अब लोग सवाल कर रहे हैं कि जब रेलवे की सभी नियमित यात्री ट्रेनों का संचालन रद्द है तो “भारी ट्रैफिक” कहां से आ गया। हालांकि इसके बावजूद रेलवे के अधिकारी अपनी बात पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि इटारसी-जबलपुर-पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर रूट पर बड़ी संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने के कारण भारी ट्रैफिक है। इसलिए रेलवे बोर्ड ने पश्चिम रेलवे के वसई रोड, सूरत, वलसाड, अंकलेश्वर, कोंकण रेलवे और सेंट्रल रेलवे के कुछ स्टेशनों से चलने वाली ट्रेनों को फिलहाल बिलासपुर-झारसुगुडा-राउरकेला के रास्ते चलाने का फैसला किया है। इसी के चलते वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन को बिलासपुर-झारसुगुडा-राउरकेला रूट पर डाइवर्ट करने का फैसला किया है। इस तरह यह ट्रेन इटारसी से बिलासपुर, चाम्पा, झारसुगुडा, राउरकेकला, आद्रा, आसनसोल होते हुए राउरकेला पहुंची और अब बरौनी, सोनपुर, छपरा, सीवान होते हुए गोरखपुर पहुंचेगी। पहले इसे महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचना था लेकिन अब यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, फिर झारखंड और उसके बाद बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचेगी।

अपनी गलती को छिपाने के लिए बहाने बना रहा रेलवे

जानकारों का कहना है कि रेलवे अपनी गलती को छिपाने के लिए बहाने बना रहा है। लॉकडाउन के कारण देश में नियमित रेल सेवा स्थगित है। आम दिनों में रोज औसतन 11,000 ट्रेन चलती हैं जबकि अभी तो महज कुछ सौ ट्रेनें ही चल रही हैं। इसलिए किसी भी रूट पर भारी ट्रैफिक का सवाल ही पैदा नहीं होता।

वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए जो रूट बनाया गया था उस पर कोई भी राजधानी नहीं चलती है। देश में लॉकडाउन के दौरान 15 जोड़ी स्पेशल एसी ट्रेनें राजधानी के रूट पर चलाई जा रही हैं। रेलवे ने जिस रूट के व्यस्त होने का कारण वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन का रास्ता डाइवर्ट करने का फैसला किया है उस पर इक्का-दुक्का स्पेशल ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं।

gajendra tripathi

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