लखनऊ। हेलो राइड कंपनी के नाम पर की गई ठगी की परतें आहिस्ता-आहिस्ता खुलती जा रही हैं। मोटा-मोटा अनुमान है कि बाइक किराए पर चलवाने का झांसा देकर किए गए इस घोटाले की रकम 500 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकती है। इस भगोड़ी कंपनी के चेयरमैन अभय कुमार कुशवाहा और निदेशक निखिल कुशवाहा समेत पांच लोगों के खिलाफ लखनऊ के विभूतिखंड थाने में एक और मामला दर्ज कराया गया है। आरोप है कि ठगों ने कानपुर, प्रयागराज समेत प्रदेश के कई जिलों में अलग-अलग नाम से कंपनी खोलकर लोगों को अपना शिकार बनाया।
विभूतखंड थाने के इंस्पेक्टर राजीव द्विवेदी ने बताया कि वाराणसी के आयर निवासी स्वर्णदीप मिश्र और उसके पांच परिचितों ने हेलो राइड कंपनी को 43 बाइक के नाम पर 31.17 लाख रुपये दिए थे। आरोप है कि बाइक चलवाने के बजाए कंपनी संचालक उनके रुपये लेकर भाग गए। स्वर्णदीप ने बताया कि वर्ष 2018 में वह वाराणसी में निखिल कुशवाहा नाम के व्यक्ति से मिला था। निखिल ने खुद को बाइक किराये पर चलाने वाली हेलो राइड कंपनी का निदेशक और शेयर होल्डर बताया। निखिल ने व्यापार में रुपये निवेश करके मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर उसे लखनऊ बुलाया। मई 2018 में वह स्वर्णदीप विभूतिखंड के साइबर हाइट्स टॉवर स्थित कंपनी के कार्यालय पहुंचे जहां निखिल ने चेयरमैन अभय कुमार कुशवाहा, नीलम वर्मा, मोहम्मद आजम बली और रागिनी गुप्ता से मिलवाया। प्रति बाइक 61 हजार रुपये लगाने पर 12 महीने तक हर महीने 9585 रुपये कमाने का लालच दिया।
स्वर्णदीप ने बताया कि उसने स्वयं 17 बाइक के लिए कंपनी को 10.37 लाख रुपये देकर अनुबंध किया। अनुबंध के तहत उसे 19 लाख से ज्यादा रुपये मिलने थे लेकिन कंपनी ने महज पौने नौ लाख रुपये ही दिए। शेष करीब 10 लाख रुपये बकाया हैं। स्वर्णदीप के मित्र वाराणसी की गौतम विहार कॉलोनी मीरापुर बसही निवासी रवींद्र प्रताप सिंह ने एक बाइक के लिए 61 हजार रुपये कंपनी को दिए। सारनाथ के आशापुर निवासी आशीष पांडेय और उनकी पत्नी सरोज ने तीन बाइक के लिए 1.83 लाख रुपये दिए जबकि विनायका कमच्क्षा निवासी ओमप्रकाश पांडेय ने दो बाइक के लिए 1.22 लाख रुपये जमा किए। वाराणसी के ही महमूरगंज के वीरदोपुर निवासी प्रमोद पांडेय और काजीपुरा खुर्द सोनिया निवासी ज्योति चौरसिया ने 10-10 बाइक के लिए 12.20 लाख रुपये कंपनी में जमा किए थेय़
स्वर्णदीप ने बताया कि कंपनी के संचालकों ने कुछ महीने तो इन सभी लोगों के खातों में रुपये भेजे पर बाद में रुपये मिलने बंद हो गए। इस पर पीड़ित लखनऊ स्थित कार्यालय पहुंचे तो वहां ताला लटका मिला। पूछताछ में पता चला कि जालसाजों पर प्रदेश के कई जिलों में ठगी के शिकार हजारों लोगों ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने अभय को गिरफ्तार करके जेल भेजा था लेकिन वह जमानत पर छूटने के बाद से लापता है। ठगी के अन्य आरोपी भी फरार हैं।
हेलो राइड कंपनी के खिलाफ सिर्फ विभूतिखंड थाने में ही 23 मुकदमे दर्ज हैं। इन मुकदमों में पीड़ितों की संख्या 100 से भी ऊपर है। इसके अलावा अन्य थानों में भी कई मामले दर्ज हैं। कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में भी कई मुकदमे दर्ज कराए जा चुके हैं।
स्वर्णदीप का आरोप है कि ठग दूसरे शहरों में अलग नाम से कंपनी खोलकर फिर से ठगी का धंधा कर रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि अभय कुमार कुशवाहा मूलरूप से कौशांबी का रहने वाला है और यहां जानकीपुरम विस्तार में सेक्टर सात में रह रहा था। उसकी इनफिनिटी वर्ल्ड नाम से रीयल एस्टेट कंपनी है। ठगी के रुपयों से उसने लखनऊ के अलावा कानपुर, प्रयागराज और वाराणसी में करोड़ों रुपये की जमीनें खरीद ली थीं। अब वह इन्हीं जमीनों की खरीद-फरोख्त में लगा है। निखिल कुशवाहा उसका रिश्ते का भाई है जो साठ फीटा रोड स्थित जानकीविहार कॉलोनी का रहने वाला है।
कंपनी की निदेशक नीलम वर्मा आलमबाग के सिंगारनगर बहादुरखेड़ा दुर्गा मंदिर के पास रहती है। रागिनी गुप्ता उसकी सगी बहन है जिसकी शादी धीरेंद्र गुप्ता से हुई है। वह आलमबाग में ही बदरीनारायण वोकेशनल इंटर कॉलेज के पास श्रीनगर में रहती है। मोहम्मद आजम अली बलरामपुर के उतरौला स्थित पेहर बाजार का रहने वाला है।
हेलो राइड कंपनी के चेयरमैन अभय कुमार कुशवाहा की ठगी के शिकार लोगों में सबसे ज्यादा दिहाड़ी कमाने वाले लोग हैं। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा, लेकिन तीन महीने बाद ही वह जमानत पर छूट गया। पीड़ितों का यह भी कहना है कि अभय करोड़ों रुपये लेकर नेपाल अथवा किसी अन्य देश भागने की तैयारी कर रहा था। फिलवक्त वह कहां है, लखनऊ पुलिस यह सुराग नहीं लगा पा रही है। विभूतिखंड पुलिस ने हेलो राइड कंपनी के चेयरमैन अभय कुमार कुशवाहा को तो गिरफ्तार किया पर बाकी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कोई प्रयास नहीं किया। ठगी के शिकार लोगों ने अभय और उसके भाई निखिल समेत निदेशक नीलम वर्मा, राजेश पांडेय, शकील अहमद, राम जनम मौर्य, मोनिका, देवेश, गौरव वर्मा, नावेद, राहुल द्विवेदी, आयुष तिवारी और हितेश बाजपेयी समेत कई लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है।