करनाल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और हिंदू समाज की धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में कांग्रेस नेता पंकज पुनिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। पंकज पुनिया की गिरफ्तारी हरियाणा के करनाल से हुई है। करनाल में पंकज पुनिया के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पंकज पुनिया ने अपने ट्वीट में धार्मिक भावनाओं और उनके विश्वास को जानबूझ कर अपमानित किया।
इस संबंध में पंकज पुनिया के खिलाफ धारा 153-A, 295-A, 505 (2) और आईटी एक्ट की धारा 67 में मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने पंकज पुनिया की गिरफ्तारी की मांग की थी। अलख आलोक श्रीवास्तव ने पंकज पुनिया के खिलाफ आपराधिक एफआईआर दर्ज कराने के लिए शिकायत दर्ज कराई और कहा कि पंकज पुनिया को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
ये विवाद उत्तर प्रदेश में मजदूरों को बसों के जरिए उनके घर तक भेजने और कांग्रेस द्वारा इसके लिए 1000 बसें मुहैया कराने की पेशकश से जुड़ा है। बसों को लेकर यूपी सरकार और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच चिट्ठी का सिलसिला चल रहा है।
कांग्रेस नेता पंकज पुनिया ने इस मुद्दे पर एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट की भाषा को वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने अमर्यादित और हिन्दुओं की भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया। उन्होंने गाजियाबाद के कौशाम्बी थाने में शिकायत देकर पंकज पुनिया के खिलाफ एफआईआर करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की।
कांग्रेस और योगी सरकार के बीच बसों को लेकर हुई राजनीति पर पुनिया का ट्वीट था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘कांग्रेस सिर्फ मजदूरों को अपने खर्च पर उनके घर पहुंचाना चाहती थी, बिष्ट सरकार ने राजनीति शुरू की। भगवा लपेटकर नीच काम संघी ही कर सकते हैं।’ इसके आगे जो भाषा यूज की गई है, उसे हमे यहां नहीं लिख सकते।
बाद में दी सफाई
विवाद बढ़ने पर पंकज पुनिया ने अपने ट्वीट पर सफाई दी। उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि मेरे लिखने से अगर किसी भाई को बुरा लगा हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। मेरे शब्द गार्गी कालेज में जो हुआ था उसको लेकर थे न कि किसी धर्म को लेकर।
ये पंकज पूनिया का मूल टवीटी नहीं है बल्कि बंटी और बबली गैंग का असली चरित्र है।