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हाथरस मामला : सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट, चारों आरोपितों पर दुष्कर्म और हत्या के आरोप

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म (Gang rape) और हत्या के मामले में सीबीआई ने शुक्रवार को चारों आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया।  चारों आरोपितों पर सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई है।  इसमें पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाया गया है।

आरोपितों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने अदालत के बाहर संवाददाताओं को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या के आरोप लगाए हैं तथा हाथरस में स्थानीय अदालत ने संज्ञान लिया है।

पुंढीर ने बताया कि सीबीआई पीड़िता के भाई को साइकोलॉजिकल असेस्मेंट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। दरअसल, साइकोलॉजिकल असेस्‍मेंट में किसी शिकायतकर्ता या अभियुक्‍त से मामले से सम्‍बन्धित सीधे और अप्रत्‍यक्ष सवाल किए जाते हैं। इस दौरान उसकी प्रतिक्रियाएं रिकॉर्ड की जाती हैं। इन प्रतिक्रियाओं के आधार पर शिकायतकर्ता या अभियुक्‍त के मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्षणों और उद्देश्‍यों को मापा जाता है।

हाथरस में इस दलित युवती से चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर 2020 को कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस और प्रशासन ने उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास अंत्येष्टि कर दी थी।

युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उनपर दबाव डाला था। हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहना था कि अंत्येष्टि परिवार की इच्छा के अनुसार की गई।

न्यायिक हिरासत में हैं चारों आरोपित

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मामले के आरोपितों संदीप, लवकुश, रवि और रामू की भूमिका पर गौर किया है, जो न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि गुजरात के गांधीनगर स्थित प्रयोगशाला (लैबोरेट्री) में आरोपियों की विभिन्न फोरेंसिक जांच भी की गई हैं। सीबीआई के जांचकर्ता जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सकों से भी मिले। कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता को इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

योगी सरकार को झेलनी पड़ी थी आलोचना

इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को व्यापक स्तर पर आलोचना का सामना करना पड़ा था। बाद में यह मामला सीबीआई को हस्तांतरित कर दिया गया। सीबीआई ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की और जांच कार्य अपनी गाजियाबाद (उप्र) इकाई को सौंपा था। जांच टीम पीड़िता के परिवार के सदस्यों के बयान दर्ज कर चुकी है।

gajendra tripathi

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