नई दिल्ली। मई का महीना शुरू होने के साथ ही देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के मामलों की रफ्तार तेज हो गई है। महाराष्ट्र, गुजरात के बाद अब दिल्ली और पश्चिम बंगाल में संक्रमण के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। हाल में ही दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि जून-जुलाई में भारत में कोरोना वायरस के मामले अपने चरम पर पहुंच सकते हैं। डॉ. गुलेरिया के इस दावे पर अब स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है, “अगर हम जरूरी सावधानियां बरतेंगे और आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन करेंगे तो कोरोना वायरस के मामलों को चरम में पहुंचने से रोक सकते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यदि हम आवश्यक सावधानी नहीं बरतते हैं और प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हैं तो मामलों में तेजी आ सकती है। कम्युनिटी सपोर्ट के अलावा भी हमें हर तरह के सहयोग की जरूरत है।”

शुक्रवार को नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में लव अग्रवाल ने बताया कि देशभर में अब तक 16,540 लोग कोविड-19 बीमारी से ठीक हो चुके हैं और अभी 37,916 मरीजों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 3,390 नए केस आए तो 1,273 मरीज ठीक भी हुए हैं। अग्रवाल ने कहा कि हर तीन में से एक मरीज ठीक हो रहा है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है जो खुशी की बात है। उन्होंने बताया कि गुरुवार तक के आंकड़ों के मुताबिक, 3.2 प्रतिशत मरीज ऑक्सिजन सपोर्ट पर हैं, 4.7 प्रतिशत मरीजों को आईसीयू सपोर्ट से संबंधित सेवाएं दी जा रही हैं जबकि 1.1 प्रतिशत मरीज वेंटिलेटर सपॉर्ट पर हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग की खास बातें

-अब तक कुल 37916 सक्रिय केस।

-24 घंटे में 3390 नए केस आए हैं, 103 लोगों की मौत हुई। 

-24 घंटे के दौरान 1273 मरीज ठीक हुए हैं। 

-अब तक 16,540 मरीज ठीक हो चुके हैं।

-हमारा रिकवरी रेट 29.39 प्रतिशत है। हर तीन में से एक मरीज ठीक हो रहा है। ये आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

-42 जिलों में 28 दिन से कोई केस नहीं

-29 जिलों में 21 दिन से कोई मामला नहीं। 

-36 जिलों में 14 दिन से कोई नया मामला सामने नहीं आया।

-46 जिले में 7 दिन से कोई केस नहीं। 

-216 जिलों में कोई मामला सामने नहीं आया है।

-21 अस्पतालों को प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल टेस्ट की मंजूरी दी गई है। 

-रेलवे ने 5231 कोच को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया है। इन्हें 215 स्टेशनों पर तैनात किया जाएगा जहां कोरोना के हल्के व बहुत हल्के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज होगा। 

-महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं। 

-रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन इस आधार पर तय होता है कि वहां कितना डबलिंग रेट है, कितने मरीज हैं, कितने सही हो रहे हैं।नए आंकड़ों का विश्लेषण कर जल्द ही रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन की सूची जारी की जाएगी। 

-दो दिन पहले डबलिंग रेट 12 दिन था लेकिन अब मामले बढ़ने से इसमें कुछ गिरावट आई है। 

-चुनौती बहुत बड़ी है, हमें सभी के सहयोग की जरूरत है। 

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