लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी आदित्यनाथ सरकार को राहत देते हुए उसके कट ऑफ बढ़ाने के फैसले को सही बताया और तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हुई थी। भर्ती परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत कट ऑफ तय किया था और यह मामला हाई कोर्ट में चला गया था।
इससे पहले एकल बेंच ने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 45 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत कट ऑफ तय करने का राज्य सरकार को निर्देश दिया था जिसके खिलाफ सरकार डबल बेंच में गई थी। राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने इस साल 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार ने याची सर्वेश प्रताप सिंह व अन्य की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को एक शासनादेश जारी कर अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। 6 से 20 दिसंबर 2018 तक ऑनलाइन आवेदन लिये गए। इस परीक्षा के लिए 4,31,466 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था और लिखित परीक्षा 6 जनवरी 2019 को राज्य के 800 परीक्षा केंद्रों पर कराई गई थी। परीक्षा में 4,10,440 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जबकि 21,026 लोगों ने परीक्षा छोड़ दी थी।
हाईकोर्ट के इस फैसले का प्रदेश के 4 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को इंतजार था। इस साल फरवरी में एक कार्यक्रम के दौरान र्शिक्षकों भर्ती पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हमारी सारी प्रक्रिया पूरी हो गई है, अब यह न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बना हुआ। यह केस कोर्ट में लंबित है और मामला तारीख पर तारीख का है।