नई दिल्ली। आज (14 सितंबर) हिंदी दिवस है। आज ही के दिन संविधान सभा ने इसे देश की आधिकारिक भाषा के तौर स्वीकार किया था। यह हिंदी की ताकत ही है कि स्वयं हिंदी भाषियों में अपनी भाषा के प्रति गर्व का भाव न होने और सत्ता प्रतिष्ठानों के षड्यंत्र के बावजूद यह आज दुनिया की तीन सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में शामिल है। भारत सहित दुनिया के 150 से अधिक देशों में इसे बोलने, समझने और लिखने वाले फैले हुए हैं। सन् 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदी भारत में 53 तक करोड़ लोगों की भाषा है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के पावर लैंग्वेज इंडेक्स के मुताबिक सन् 2050 तक हिंदी विश्व की सबसे ताकतवर भाषाओं में शामिल होगी।
वैसे तो हिंदी की उपयोगिता के बारे में किसी भी तरह की प्रामाणिकता की जरूरत नहीं है लेकिन जिस तरह से आज इसका प्रयोग इंटरनेट पर बढ़ रहा है, यह अपने आप में बड़ी बात है। हिंदी का प्रयोग आज के समय पर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि गूगल जैसे बढ़े प्लेटफार्म पर भी लोग अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी का प्रयोग करते हैं। एक रिपोर्ट में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले दो वर्षों में गूगल पर हिंदी का प्रयोग अंग्रेजी के मुकाबले 80 प्रतिशत ज्यादा किया गया। इस बात को ध्यान में रखते हुए गूगल पर सर्च इंजन भी दो भाषाओं में आता है, एक अंग्रेजी और दूसरा हिंदी। गूगल पर हिंदी कंटेंट पढ़ने वाले हर साल 94 प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं।
मोबाइल फोन में भी हिंदी के प्रयोग बढ़ता जा रहा है। वाट्सएप पर भी लोग अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी में चैट करते हैं। अब तो वाट्सएप पर जोक भी अंग्रेजी से ज्यादा हिंदी में आते हैं जो अपने आप में दर्शाता है कि हिंदी की उपयोगिता कितनी ज्यादा बढ़ गई है। फेसबुक, इंस्टाग्राम पर भी यूजर्स अंग्रेजी से ज्याद हिंदी का प्रयोग करते हैं। भारत में 20 करोड़ से ज्यादा लोग वाट्सएप के अलावा अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रयोग करते हैं। इनमें भी हिंदी का प्रयोग करने वालों की संख्या अन्य भाषा-भाषियों की तुलना में बहुत अधिक है।
बाजार भी अब हिंदी की ताकत पहचानने लगा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में पहुंचने के लिए हिंदी का सहारा लेना पड़ रहा है। बड़े कारपोरेट घराने अपनी कंपनियों में जिम्मेदार पदों पर नियुक्ति करते समय यह सुनिश्चित करने लगे हैं कि पद के दावेदार को हिंदी आती हो। ई-कॉमर्स साइट अमेजन इंडिया ने हाल ही में अपना हिंदी भाषा का ऐप तैयार किया है। ओएलएक्स, क्विकर जैसे प्लेटफॉरम पहले से ही हिंदी में उपलब्ध हैं। स्नैपडील जैसी ऑलाइन शॉपिंग साइट भी हिंदी में है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश ने हिंदी की शिक्षा के लिए 114 मिलियन डॉलर का बजट आवंटित किया था। भारत के बाद सबसे ज्यादा हिंदी बोलने वाले (80 लाख) नेपाल में हैं जबकि तीसरे स्थान पर अमेरिका है जहां साढ़े छह लाख लोग हिंदी बोलते हैं। मारीशस, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, सूरिनाम और युगांडा जैसे देशों में हिंदी बोलने वालों की संख्या एक से साढ़े चार लाख तक है। ब्रिटेन में 46 हजार से ज्यादा लोग हिंदी बोल और लिख लेते हैं। संयुक्त अरब अमीरात में तो हिंदी को अल्पसंख्यक भाषा की मान्यता दी गई है।
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