अलीगढ़। अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडेय को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर तब्लीगी जमातियों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने सोमवार को एफआईआर दर्ज की थी। दरअसल, पूजा शकुन पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तब्लीगी जमात के सदस्यों को गोली मारने की अपील की थी। साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण के देश में बड़े स्तर पर फैलाने के लिए तब्लीगी जमात को जिम्मेदार ठहराया था। बाद में पूजा शकुन पांडेय के पति को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस के मुताबिक, पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 153 ए (विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाना) और 505 (2) (भड़काऊ बयान देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अलीगढ़ शहर से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह खान ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुनिराज जी को शिकायती पत्र देकर पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। हाजी जमीर उल्लाह खान ने कहा कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज और तब्लीगी जमातियों को लेकर कुछ दिनों से कुछ लोगों द्वारा सभी जमातियों के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। साथ ही एक विशेष समुदाय को गलत नजरिये से देखा जा रहा है। ये सब सिर्फ कुछ ऐसे संगठनों की साजिश है जो देश में अमन देखना नहीं चाहते। यही कारण है उल्टे-सीधे बयान देकर आपसी भाईचारे को खत्म करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे है। हम लोग कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं जो लोग सभी जमातियों के लिए अपशब्द एवं आतंकवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करके उनकी छवि को धूमिल करने एवं देश में नफरत फैलाकर मुसलमानों को एक संयोजित रूप से बदनाम करने का जो कार्य कर रहे हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसी शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा न दर्ज का था। सीओ बन्नादेवी पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में गई पुलिस टीम ने पूजा शकुन को उनके घर से गिरफ्तार किया।
गौरतलब है कि पूजा शकुन पांडेय अपनी गतिविधियों और बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहती हैं। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनके पोस्टर को गोली मारने के मामले में पिछले साल उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
इसके पूर्व, सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक टिप्पणी करने के आरोप में एक व्यक्ति को रविवार को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक, अतरौली थाना क्षेत्र में रहने वाले मुरसिम अली ने रविवार को ही कोरोना वायरस को लेकर कथित तौर पर एक सांप्रदायिक टिप्पणी सोशल मीडिया पर डाली थी। इस मामले में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाना) और 505 (2) (भड़काऊ बयान देना) तथा राष्ट्रीय आपदा अधिनियम की सुसंगत धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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