लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल और बिजली के बाद अब जमीन-मकान पर भी महंगाई की मार पड़ी है। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ने एक सितंबर से विभिन्न आवासीय योजनाओं की भूमि दर में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। चूंकि परिषद के लखनऊ के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों में बने फ्लैट्स काफी समय से नहीं बिक रहे हैं इसलिए फिलहाल इनकी जमीन के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। नई दरें बरेली की राजेंद्र नगर योजना सहित सभी आवासीय योजनाओं पर लागू होंगी।

परिषद के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत किफायती आवास बनाने के दबाव के चलते परिषद प्रशासन ने अपनी अन्य आवासीय योजनाओं की भूमि दर को बढ़ाने का फैसला किया है। नई दरें बीती एक सितंबर से  लागू होंगी जिनका आदेश अब जारी किया गया है। इसके आदेश के मुताबिक जिन योजनाओं में भवन और भूखंड की अधिक मांग है उनकी भूमि दर में 40 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है। इसके विपरीत जहां मांग नहीं के बराबर है वहां की भूमि दर या तो यथावत रखी गई है या फिर उसमें 10 प्रतिशत से भी कम बढ़ोतरी की गई है।  

भूमि-भवन में इस महंगाई की सर्वाधिक मार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) पर पड़ी है। दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जमीन और मकान की सबसे ज्यादा मांग है। ऐसे में परिषद ने अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए यहां की सिद्धार्थ विहार योजना की भूमि दर में सर्वाधिक 11800 रुपये प्रति वर्गमीटर का इजाफा किया है। योजना की भूमि दर अब 55600 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो गई है। गंगा, यमुना, हिंडन परियोजना की दर 43800 रुपये प्रति वर्गमीटर रखी गई है। वसुंधरा योजना की भूमि दर में 16 प्रतिशत का इजाफा करके 59400 (विषम सेक्टर) और 65800 (सम सेक्टर) रुपये वर्गमीटर किया गया है। मंडोला विहार की दर 23 हजार से बढञाकर 24 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर की गई है।

लखनऊ में परिषद की अहम योजनाओं की भूमि दर में भी 20 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की गई है। अवध विहार योजना की भूमि दर में 4500 रुपये तक का इजाफा करके 28 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर किया गया है। वृंदावन योजना संख्या-एक, दो के भाग-दो की भूमि दर 13 प्रतिशत बढ़ाकर 30 हजार रुपये जबकि योजना संख्या तीन की 16 प्रतिशत बढ़ाकर 29 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की गई है। विकासनगर की दर 18.42 प्रतिशत बढ़ाकर 45 हजार रुपये वर्गमीटर की गई है। हरदोई रोड योजना (आम्रपाली) की भूमि 5.40 प्रतिशत महंगी करके 19500 रुपये प्रति वर्गमीटर की गई है।

वाराणसी की पांडेयपुर योजना की भूमि दर 16.67 प्रतिशत बढ़ाकर 35 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की गई है। मेरठ की ट्रांसपोर्टनगर योजना संख्या-2 की दर 1900 बढ़ाकर 18 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की गई है। योजना संख्या-7, शास्त्रीनगर के सेक्टर 1 से 3 तक की दर 2400 बढ़ाकर 26400 रुपये की गई है। कानपुर की अंबेडकरपुरम योजना संख्या-3 सेक्टर ई की भूमि दर 15 प्रतिशत बढ़ाकर 27600 रुपये जबकि आगरा शहर की ट्रांस यमुना योजना की भूमि 15 प्रतिशथ महंगी करके 18500 रुपये प्रति वर्गमीटर कर दी गई है।

बरेली की राजेंद्र नगर योजना की जमीन 40 प्रतिशत यानी 10 हजार रुपये महंगी कर 35 हजार रुपये वर्गमीटर की गई है। अभी तक यहां यह दर 25 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर थी।

नौ सितंबर को जिन संपत्तियों की नीलामी होनी है, उसके लिए परिषद प्रशासन ने टोकन मनी पहले पुरानी दरों के हिसाब से मांगी थी। चूंकि अब एक सितंबर से भूमि दर बढ़ाने का निर्णय किया गया है इसलिए परिषद प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा है कि अब वे आवेदक ही ई-नीलामी में भाग ले सकेंगे जो टोकन मनी में पुरानी और नई दरों के बीच के अंतर की धनराशि नीलामी के निर्णय से पहले जमा करेंगे। आवेदक को इस संबंधी में शपथ पत्र भी देना होगा।

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