लखनऊ । उत्‍तर प्रदेश में इटावा के जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता शिवपाल यादव ने कहा कि कहा कि मैं कांग्रेस उम्‍मीदवार के इलाके में प्रचार के लिए नहीं जाउंगा। यदि नेताजी कहेंगे तो जाऊंगा। समाजवादी पार्टी के लिए लिए प्रचार करूंगा। उन्‍होंने यह भी कहा सपा-कांग्रेस गठबंधन में मेरी कोई भूमिका नहीं है। इस मसले पर मैं कुछ नहीं कहूंगा।

शिवपाल ने कहा कि पार्टी और परिवार में विवाद के चलते उन्हें कई बार अपमान झेलना पड़ा। यदि अपमान न होता तो वे अखिलेश के साथ हैं। यदि 11 मार्च के बाद मेरा अपमान या उपेक्षा ना हो तो हम साथ में ही रहेंगे। हालांकि, उन्होंने अपने बयान में अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया। शिवपाल ने यह भी कहा कि कहा कि मेरी कोशिश रहती है कि नेताजी का सम्मान बना रहे और सब मिलकर पार्टी की बेहतरी के लिए काम करें। शिवपाल ने सुलह से सीधे तौर पर इनकार नहीं किया। उन्‍होंने कहा कि मैं नेताजी के साथ हूं और उनका जो आदेश होगा वो ठीक है।

मैंने जसवंतनगर सीट से हमेशा जीत हासिल की है। यहां बीजेपी उम्‍मीदवार के कुछ लोगों ने अवैध कार्यों को अंजाम दिया। मुझे हराने के लिए साजिश रची गई। कुछ बड़े लोगों के इशारे पर डीएम, एसएसपी ने शांतपूर्ण मतदान के दौरान लाठीचार्ज करवा दिया। जसवंत नगर में हुई लाठीचार्ज को साजिश बताते हुए शिवपाल ने इस बार झगड़े को निपटाने की जिम्मेदारी मुलायम सिंह यादव पर डाली है। उन्होंने कहा कि ‘नेता जी जो कहेंगे मैं वही करूंगा और चुनाव परिणाम के बाद भी सपा के साथ ही रहूंगा। उस समय झगड़ा सुलझाने की जिम्‍मेदारी सीएम की भी थी

 इटावा से मिली रिपोर्ट के मुताबिक जसवन्तनगर विधानसभा क्षेत्र के कतैयापुरा में मतदाताओं को धमकाए जाने की सूचना पर वहां पहुंचे सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव के काफिले पर पथराव किया गया था। शिवपाल ने कहा था कि बीजेपी के इशारे पर उनपर हमले करवाए गए। इसके अलावा सपा की जसवन्तनगर इकाई के नगर अध्यक्ष तथा उनके साथियों की प्राथमिक विद्यालय जसवन्तनगर स्थित मतदान केन्द्र के पास बैठने को लेकर पुलिस से झड़प हो गई थी। इस दौरान पुलिस ने उन पर कथित रूप से लाठीचार्ज किया। बाद में, शिवपाल ने संवाददाताओं से कहा था कि पुलिस और प्रशासन किसी के दबाव में काम कर रहा है।

 

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