लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में लव जेहाद के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लागू किए गए धर्मांतरण कानून अध्यादेश (उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020) का असर दिखने लगा है। मुरादाबाद से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद डॉ. एसटी हसन ने मुस्लिम लड़कों से सभी हिंदू लड़कियों को अपनी बहन मानने की अपील की है। उन्होंने कहा है, “लव जिहाद पॉलिटिकल स्टंट है। मैं सभी मुस्लिम युवाओं से अपील करूंगा कि वे हिंदू लड़कियों को अपनी बहन समझें तो उनसे कभी भी नादानी नहीं होगी।”
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारे देश में हजारों साल से बच्चे जब बालिग हो जाते हैं तो अपना जीवनसाथी खुद चुन लेते हैं, हिंदू मुस्लिम से शादी करता है, मुस्लिम हिंदू से शादी करता है, हालांकि ऐसा बहुत कम होता है। अगर आप देखेंगे तो पता चलेगा कि शादी तो मर्जी से हो गई लेकिन जब समाज का दबाव पड़ता है तो कहते हैं कि हमें तो मालूम नहीं था कि मुस्लिम है।
मुस्लिम युवकों से अपील करते हुए हसन ने कहा कि आप लोग हिंदू लड़कियों को आप बहन की तरह समझें। अब ऐसा कानून बना दिया गया है, जिससे आपको जबर्दस्त तरीके से टॉर्चर किया जा सकता है। अपने आपको बचाएं और किसी भी प्रलोभन या प्यार के चक्कर में न पड़कर अपनी जिंदगी बचाएं।
क्या है यूपी सरकार का अध्यादेश
लव जिहाद के बढ़तो मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस अध्यादेश को पास किया है, उसके मुताबिक शादी के लिए धोखे से धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा होगी। इसके अलावा धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को दो महीने पहले सूचना देनी होगी। इतना ही नहीं, अध्यादेश में धर्म परिवर्तन के लिए 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ 1 से 5 साल की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर एससी-एसटी समुदाय की नाबालिग लड़कियों और महिलाओं के साथ ऐसा होता है तो 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3 से 10 साल की जेल की सजा हो सकती है।