नेतन्याहू संग मोदी पहुंचे डोर बीच, पिया समंदर का फिल्टर्ड पानी

फोटो के लिए साभार : ANI

हाइफा (इजरायल)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने समकक्ष नेतन्याहू के साथ डोर बीच पहुंचे और वहां उन्होंने समुद्र के पानी का फिल्ट्रेशन प्लांट देखा। साथ ही दोनों प्रधानमंत्रियों ने अधिकारियों संग समुद्र के फिल्टर्ड पानी को पीकर उसका स्वाद भी लिया।

हाइफा में भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और नेतन्याहू के साथ डोर बीच पहुंचे। इस दौरान इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खुद ही गाड़ी ड्राइव कर रहे थे, जबकि प्रधानमंत्री मोदी उनके बगल में बैठे थे। डोर बीच पर बेंजामिन नेतन्याहू ने पीएम मोदी को मोबाइल वॉटर फिल्ट्रेशन दिखया। प्लांट से रुबरु होने के बाद दोनों नेताओं ने अन्य अधिकारियों के साथ फिल्टर किया हुआ पानी भी पिया।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार की सुबह येरूशलम से हेलिकॉप्टर के जरिये नेतन्याहू के साथ हाइफा पहुंचे। यहां दोनों नेताओं ने प्रथम विश्व युद्ध में हाइफा को आजाद कराने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले 44 भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि दी। मोदी ने अपने इजराइल दौरे के आखिरी दिन इस स्मारक का दौरा किया। यहां पीएम मोदी ने कहा-यह उन 44 भारतीय सैनिकों की अंतिम विश्रामस्थली है जिन्होंने प्रथम युद्ध के दौरान शहर को आजाद कराने के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी। भारतीय सेना हर साल 23 सितंबर को दो बहादुर इंडियन कैवलरी रेजिमेंट के सम्मान में हाइफा दिवस मनाती है।

इस रेजिमेंट की 15वीं इंपीरियल सर्विस कैवलरी ब्रिगेड ने शानदार घुड़सवारी का जौहर दिखाते हुए शहर को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी। 1918 के पतझड़ में भारतीय ब्रिगेड संयुक्त बलों का हिस्सा थी जो फलस्तीन के उत्तर से दुश्मनों का सफाया कर रही थीं।

बता दें कि इस अभियान को इतिहास के आखिरी महान घुड़सवार अभियान के तौर पर देखा जाता है। इसमें कैप्टन अमन सिंह बहादुर और दफादार जोर सिंह को इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट (आईओएम) से सम्मानित किया गया जबकि कैप्टन अनूप सिंह और सेकंड लेफ्टिनेंट सागत सिंह को युद्ध में उनकी बहादुरी के लिये मिलिट्री क्रॉस प्रदान किया गया।

शहर को आजाद कराने में अहम भूमिका के लिए मेजर दलपत सिंह को हीरो ऑफ हाइफा के तौर पर जाना जाता है। उन्हें उनकी बहादुरी के लिए मिलिट्री क्रॉस से सम्मानित किया गया।

हाइफा नगर पालिका ने भारतीय सैनिकों के बलिदान को अमर करने के लिए वर्ष 2012 में उनकी बहादुरी के किस्सों को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल करने का फैसला किया था। करीब 402 सालों की तुर्कों की गुलामी के बाद शहर को आजाद कराने में भारतीय सेना की भूमिका को याद करते हुए नगरपालिका ने हर वर्ष एक समारोह का आयोजन भी करता है।

एजेन्सी
bareillylive

Recent Posts

जय नारायण में शिविर में स्काउट्स ने सीखा तम्बू निर्माण एवं प्राथमिक चिकित्सा

बरेली@BareillyLive. शहर के जयनारायण सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में जिला प्रशिक्षण आयुक्त पुष्पकांत शर्मा…

1 week ago

कमिश्नर और आईजी ने किया ककोड़ा मेला स्थल का निरीक्षण, दिये सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष निर्देश

हाई फ्लड लाइट और वॉच टावर की संख्या को बढ़ाने को कहा, मेला क्षेत्र में…

1 week ago

स्काउट एवं गाइड की जिला स्तरीय बीएसजी ज्ञान प्रतियोगिता सम्पन्न, विजेता राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे

बरेली@BareillyLive. उत्तर प्रदेश भारत स्काउट एवं गाइड के निर्देशन एवं जिला संस्था बरेली के तत्वावधान…

1 week ago

14 नवम्बर संकल्प : 1962 में कब्जायी भारत भूमि को चीन से वापस लेने की शपथ को पूरा करे सरकारः शैलेन्द्र

बरेली @BareillyLive. चीन द्वारा कब्जा की गई भारत की भूमि को मुक्त करने की मांग…

1 week ago

चौबारी मेले के कारण बरेली में 14 से रूट डायवर्जन, इन रास्तों से निकलें, भारी वाहनों की नो एंट्री

बरेली @BareillyLive. रामगंगा नदी के चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के कारण बरेली में…

1 week ago

भाजपा का लक्ष्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय को साकार करना : पवन शर्मा

Bareillylive : संगठन पर्व के चलते शहर के मीरगंज विधानसभा के मंडल मीरगंज व मंडल…

1 week ago