गूगल के खिलाफ 5 अरब डॉलर का मुकदमा, case against google, google,A person prepares to search the internet using the Google search engine, on May 14, 2014, in Lille. In a surprise ruling on May 13, the EU's top court said individuals have the right to ask US Internet giant Google to delete personal data produced by its ubiquitous search engine. AFP PHOTO / PHILIPPE HUGUEN (Photo credit should read PHILIPPE HUGUEN/AFP/Getty Images)

नयी दिल्ली। गूगल के खिलाफ अपने यूजर्स पर नजर रखने के आरोप में 5 अरब डॉलर का मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा यूजर्स की ऑनलाइन एक्टिविटी को ट्रैक करने के आरोप में अमेरिका के कैलिफॉर्निया में दर्ज हुआ है। कैलिफोर्निया के उत्तरी जिले के जिला न्यायालय में यह मामला दर्ज हुआ है।

गूगल पर क्रोम ब्राउजर में अवैध रूप से प्राइवेट मोड में यूजर्स की एक्टिविटी ट्रैक करने का आरोप है। हालांकि गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने इस दावों का खंडन करते हुए कहा कि इंकॉग्निटो मोड में भी कुछ वेबसाइट्स यूजर्स की गतिविधि को ट्रैक कर सकती है और डाटा सेव कर सकती है।

आमतौर पर यह माना जाता है कि किसी भी वेब ब्राउजर के प्राइवेट मोड में सर्च करने पर सर्च हिस्ट्री नहीं बनती है। इस मोड में काम करने पर आपको ट्रैक नहीं किया जाता है, लेकिन गूगल क्रोम के साथ ऐसा नहीं है। हालांकि कंपनी इस आरोप से इनकार कर रही है और कहती है कि वह प्राइवेट मोड से डाटा कलेक्ट करने को लेकर बेहद ईमानदार है।

प्रत्येक यूजर को मिलने चाहिए 5,000 डॉलर

गूगल पर यह मुकदमा लॉ फर्म Boies Schiller Flexner ने कैलिफोर्निया के सैन जोस में में दायर किया था। शिकायत में दावा किया गया कि प्रस्तावित वर्गीय कार्रवाई में गूगल के लाखों यूजर्स शामिल हैं, जिन्होंने एक जून 2016 तक इंटरनेट को निजी मोड में इस्तेमाल किया है। शिकायत में कहा गया कि गूगल को सभी अमेरिकी यूजर्स के डाटा को सेव करने का हक नहीं है।

रॉयटर्स के अनुसार मुकदमा करने वाली फर्म Google और उसकी मूल कंपनी अल्फाबेट से कम से कम 5 अरब डॉलर की क्षतिपूर्ति चाहती है। शिकायत के मुताबिक Google के लाखों यूजर इससे प्रभावित हो सकते हैं और प्रत्येक यूजर को कम से कम 5,000 डॉलर मिलने चाहिए।-एजेंसी

By vandna

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