बदले नियमों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थाओं में सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को प्राइवेट की भांति तीसरे क्रम में रखा जाएगा।

लखनऊ सामान्य वर्ग के उन विद्यार्थियों के लिए यह अच्छी खबर है जिनके परिवार की वार्षिक आय ढाई लाख रुपये है। उत्तर प्रदेश में अब ऐसे छात्र-छात्राओं को भी शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ मिल सकेगा। इससे करीब पांच लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। इसका शासनादेश जल्द ही जारी होने वाला है।

दरअसल, समाज कल्याण विभाग के दो लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश शासन ने मंजूरी दे दी है। जुलाई से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र से विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा।

आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में  कोई बाधा न आए इसके लिए समाज कल्याण विभाग माध्यमिक के साथ स्नातक, परास्नातक, इंजीनियरिंग और पीएचडी तक की फीस को शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में छात्र-छात्राओं को वापस करता है। आय सीमा कम होने की वजह से इसका लाभ नहीं मिल पाता। इसकी वजह से सामान्य वर्ग के छात्र लाभ से वंचित रह जाते हैं। अनुसूचित जाति और जन जाति के छात्र-छात्राओं के लिए वार्षिक आय सीमा दो से बढ़ाकर 2.5 लाख होने के साथ ही सामान्य वर्ग की भी वार्षिक आय बढ़ाने को प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।

मैनेजमेंट कोटे के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा लाभ

महीने भेजे गए प्रस्ताव पर शासन ने अपनी सहमति दे दी है। शासनादेश आने के साथ ही इसका लाभ सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओँ को मिलने लगेगा। बदले नियमों के तहत सरकारी शिक्षण संस्थाओं में सेल्फ फाइनेंस स्कीम के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को प्राइवेट की भांति तीसरे क्रम में रखा जाएगा। पहले सरकारी, इसके बाद अर्ध्द सरकारी और फिर निजी शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाती थी। ऐसे में अब आर्थिक रूप से सुदृढ़ विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकेगी। मैनेजमेंट कोटे के तहत प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा।

नए नियमों के तहत आवेदन की प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी। इंटरमीडिएट तक के छात्र-छात्राएं 31 अगस्त जबकि मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग समेत उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी 30 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पात्र विद्यार्थी http://www.scholarship.upnic.in/ पर सीधे आवेदन कर सकते हैं।

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