रामपुर। सपा के फायर ब्रांड नेता व रामपुर से सांसद आजम खान पर शिकंजा कसता जा रहा है। मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय उनके गले की हड्डी बन गया है। जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी की अदालत ने विश्वविद्यालय का गेट हटाने का आदेश जारी करते हुए 3.70 करोड़ रुपये का जुर्माना डाला है। साथ ही 15 दिन में खुद अवैध कब्जा हटाने और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) को आदेश का अनुपालन कराने को कहा है। कोर्ट ने नोटिस जारी करने की तारीख से 10 हजार रुपये प्रतिदिन की भरपाई करने का भी आदेश दिया है। दरअसल, इस प्रकरण में भी जमीन पर जबरन कब्जा करने का मामला है क्योंकि विश्वविद्यालय का गेट लोनिवि की जमीन पर बना है।
विश्वविद्यालय के गेट के मामले पर गुरुवार को उप जिलाधिकारी के न्यायालय में सुनवाई हुई। इस दौरान विश्वविद्यालय की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया कि जिला जज के न्यायालय में भी अर्जी लगाई गई थी जो खारिज हो गई है, इसलिए हमें हाईकोर्ट जाने के लिए समय दिया जाए। एसडीएम कोर्ट ने अर्जी को खारिज करते हुए आदेश दिया कि 15 दिन में पीडब्ल्यूडी की रोड पर से अवैध कब्जा खाली करने के साथ ही क्षतिपूर्ति के रूप में 3 करोड़ 27 लाख 60 हज़ार रुपये जमा किए जाएं।
इसके साथ ही एसडीएम कोर्ट ने आदेश किया कि मुकदमा चलाने के दिन से 9 लाख 10 हज़ार रुपये प्रति माह भी जमा करने होंगे। दरअसल, लोनिवि के रास्ते में जौहर विश्वविद्यालय ने अपना मुख्य द्वार बना लिया है। लोनिवि ने ही एसडीएम कोर्ट में इस मसले पर वाद दायर किया था जिसमें जौहर विश्वविद्यालय के चांसलर आजम खान को नोटिस भी जारी किए गए थे। आजम खान ने ये केस ट्रांसफर करने के अपील की थी लेकिन वह पूर्व में खारिज हो गई थी। बीती 24 जुलाई को आजम खान पक्ष ने जवाब दाखिल नहीं किया और केस ट्रांसफर की अपील कर दी जिसको कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर फैसला दिया है।
आपको याद होगा कि आजम खान जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोपों में बुरी तरह फंस गए हैं। उन पर कई अन्य आरोप भी हैं। रामपुर में जिलाधिकारी ने भी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी बनाई है जो आजम खान से जुड़ी शिकायतों की जांच कर रही है। आजम पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का शिकंजा भी कसता जा रहा है।