नई दिल्ली। पैट्रोलिंग प्वाइंट 17 (हॉट स्प्रिंग इलाके) पर चीनी सैनिकों के पीछे हटने की प्रकिया पूरी होने के साथ ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गुरुवार को 25 दिन बाद पहले जैसी स्थिति कायम हो गई। भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार भारत और चीन के बीच इसके साथ ही पैट्रोलिंग प्वाइंट -14, पैट्रोलिंग प्वाइंट -15 और पैट्रोलिंग प्वाइंट -17 पर पीछे हटने की प्रक्रिया खत्म हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख में फिंगर एरिया से भी चीनी सेना लगातार पीछे हट रही है। यह प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी।
गुरुवार को चीनी सैनिक हॉट स्प्रिंग एरिया से दो किलोमीटर पीछे हट गए। दोनों देशों के आपसी समझौते के तहत चीनी सैनिक पैट्रोलिंग प्वाइंट -14, पैट्रोलिंग प्वाइंट-15, पैट्रोलिंग प्वाइंट -17 और पैट्रोलिंग प्वाइंट -17A क्षेत्र से दो किलोमीटर पीछे हटे हैं। इसके साथ ही भारतीय सेना भी इन जगहों से दो किलोमीटर पीछे हट गई है।
गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सेना के अधिकारियों के बीच कई दौर की बात हुई लेकिन सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल की चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर दो घंटे चर्चा की। इस बातचीत के कुछ ही घंटे बाद चीन ने सेना वापस बुलाने का फैसला किया।
इन 5 पॉइंट्स पर सहमति
1. भारत और चीन के बीच पॉइंट पीपी-14, पीपी-15, हॉट स्प्रिंग्स और फिंगर एरिया में भी विवाद है। इन इलाकों से भी सैनिक पीछे हटने शुरू हो गए हैं।
2. सीमा पर शांति रखने और रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों को आपस में तालमेल रखना चाहिए। अगर विचार मेल नहीं खाएं तो विवाद खड़ा नहीं करना चाहिए।
3. एलएसी पर सेना हटाने और डी-एस्केलेशन की प्रोसेस जल्द से जल्द पूरी की जाए। यह काम फेज वाइज किया जाए।
4. दोनों देश एलएसी का सम्मान करें और एकतरफा कदम नहीं उठाएं। भविष्य में सीमा पर माहौल बिगाड़ने वाली घटनाएं रोकने के लिए मिलकर काम करें।
5. एनएसए डोभाल और चीन के विदेश मंत्री आगे भी बातचीत जारी रखेंगे, ताकि दोनों देशों के समझौतों के मुताबिक सीमा पर शांति रहे और प्रोटोकॉल बना रहे।
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून 2020को गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी कम से ककम 40 सैनिक मारे गए लेकिन उसने यह कबूला नहीं।