नई दिल्ली। भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस से जुड़े इंफोसिस फाउंडेशन को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अनुदान प्राप्त करने के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले में कार्रवाई करते हुए उसका पंजीकरण रद्द कर दिया है। बेंगलुरू के इस गैर-सरकारी संगठन के खिलाफ कार्रवाई के बारे में अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने पिछले साल 1,755 गैर सरकारी संगठनों को नोटिस दिए थे।

दरअसल, विदेश से सहायता लेने वलो गैर-सरकारी संगठनों को विदेशी चंदा (विनियमन) अधिनियम के तहत पंजीकरण कराना होता है। एनजीओ को ऐसे किसी चंदे का हिसाब-किताब हर साल वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद नौ माह के भीतर सरकार को देना होता है। अधिकारियों के अनुसार गृह मंत्रालय ने इंफोसिस फाउंडेशन को पिछले साल कारण बताओ नोटिस जारी किया था। संगठन ने विदेशी धन की प्राप्ति और व्यय का पिछले कुछ साल का वार्षिक ब्योरा नहीं प्रस्तुत किया था। बार-बार अनुस्मारक पत्र जारी किए जाने पर भी उक्त विवरण न देने के कारण उसे नोटिस जारी किया गया था। दूसरी ओर इंफोसिस फाउंडेशन ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय से एफसीआरए पंजीकरण रद्द करवाने के लिए खुद ओवदन किया था और उसकी पैरवी की थी जिसके उसके बाद गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की।

सन् 1996 से शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य सेवा ,कला और संस्कृति आदि क्षेत्रों में काम कर रहे बेंगलुरू के इस एनजीओ के जनसंपर्क अधिकारी ऋषि बसु ने कहा कि एफसीआरए में 2016 में किए गए संशोधन के बाद उनका संगठन इस अधिनियम के दायरे में नहीं आता। उन्होंने कहा, “हमने गृह मंत्रालय से संपर्क कर इस पर विचार करने को कहा था। हम अनुरोध स्वीकार करने के लिए मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं।”

इंफोसिस के संस्थापक चेयरमैन एनआर नारायणमूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं

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