नयी दिल्ली। कोरोना को लेकर पूरे भारत में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह सेवा ठप है। भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने कहा है कि जो ट्रेन्स कैन्सिल हैं, उनके लिए ऑनलाइन बुक किए गए टिकटों को रद्द न करें, यात्रियों को उनका पैसा खुद ही मिल जाएगा। बता दें कि इससे पहले काउंटर टिकट रद्द करने के लिए रेलवे ने 21 जून तक का समय तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था।
दरअसल आईआरसीटीसी ने अपने एक बयान में कहा है कि रेलवे के यात्री ट्रेनों के बंद किए जाने के बाद ई-टिकट रद्द करने को लेकर संदेह जताया जा रहा है। आईआरसीटीसी ने साफ कर दिया है कि यात्री की ओर से टिकट रद्द करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि यात्री अपनी टिकट को रद्द करता है तो संभावना है कि उसे कम पैसा मिले। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है वे उन ट्रेनों के लिए उन ट्रेनों के लिए टिकट रद्द न करें जिन्हें भारतीय रेलवे ने खुद ही रद्द किया हुआ है।
रेलवे ने यात्रियों से कहा है कि ई-टिकट बुक कराने वाले यात्रियों को उनका पैसा खुद ब खुद उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके लिए यात्रियों को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। वहीं विंडो टिकट लेने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने स्टेशन पर काउंटर खोला हुआ है। बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से 24 मार्च रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई है। सरकार ने इससे पहले ट्रेन और मेट्रो सेवा को 31 मार्च तक सस्पेंड करने का फैसला किया था।
बता दें कि लगभग पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में आ चुकी है। कोरोना वायरस का संक्रमण देश में तेजी से फैल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक देश में इससे 11 लोगों की मौत हो चुकी है। राजधानी में मौत का दूसरा मामला सामने आया। वहीं, तमिलनाडु में भी एक मौत हुई है। देश में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़कर 606 हो गई।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में आज से लॉकडाउन शुरू हो गया है। यह लॉकडाउन 21 दिनों का है। पीएम मोदी ने मंगलवार रात लॉकडाउन की घोषणा करते हुए लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने को कहा। उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन कर्फ्यू जैसा ही होगा। हालांकि, जरूरी सेवाओं की चीजें पहले की तरह ही चलती रहेंगी। इसको लेकर गृहमंत्रालय ने छह पन्नों वाली गाइडलाइन भी जारी की है।