बरेली में डॉक्टर समेत 19 लोगों में कोरोना covid-19 की पुष्टि , Corona Virus, covid19 postive in bareilly, doctor found covid19 postive ,

जेनेवा। क्या भारत “कोरोना विस्फोट” के मुहाने पर है? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक प्रमुख विशेषज्ञ की मानें तो अभी ऐसी स्थिति नहीं आयी है पर अनलॉक-1.0 में संक्रमण के मामलों में उछाल देखने को मिल सकता है।  डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक मिशेल रियान के अनुसार, “हालांकि, भारत में कोरोना वायरस महामारी को लेकर स्थिति अभी विस्फोटक नहीं है लेकिन देश में मार्च में लागू लॉकडाउन हटाने की तरफ बढ़ने के साथ इस तरह का जोखिम बना हुआ है।“ उन्होंने कहा, “भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या दोगुने होने का समय इस स्तर पर करीब तीन सप्ताह है।”

रियान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में महामारी का असर अलग-अलग है और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बीच इसमें काफी फर्क है। दक्षिण एशिया में न केवल भारत में बल्कि घनी आबादी वाले दूसरे देशों जैसे बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महामारी का रूप विस्फोटक नहीं हुआ है लेकिन ऐसा होने का खतरा हमेशा बना हुआ है।

लॉकडाउन ने भारत में रोकी संक्रमण की रफ्तार

रियान ने कहा कि जब महामारी पनपती है और समुदायों के बीच पैठ बना लेती है तो यह किसी भी समय अपना प्रकोप दिखा सकती है, जैसा कई स्थानों पर देखा गया। उन्होंने कहा कि भारत में देशव्यापी लॉकडाउन जैसे कदमों ने संक्रमण को फैलने की रफ्तार कम रखी है लेकिन देश में गतिविधियां शुरू होने के साथ मामले बढ़ने का खतरा बना हुआ है।

रियान ने कहा, “भारत में उठाये गए कदमों का निश्चित रूप से संक्रमण फैलने की रफ्तार कम करने की दिशा में असर हुआ और अन्य बड़े देशों की तरह भारत में भी गतिविधियां शुरू होने, लोगों की आवाजाही फिर से आरंभ होने के बाद महामारी के प्रकोप दिखाने का जोखिम हमेशा बना हुआ है।” उन्होंने कहा कि भारत में बड़े स्तर पर पलायन, शहरों में घनी आबादी तथा श्रमिकों के पास रोजाना काम पर जाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होने जैसे विशिष्ट मुद्दे भी हैं।

भारत में संक्रमण की स्थिति बहुत अधिक नहीं : सौम्या स्वामीनाथन

डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि 130 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश में कोरोना वायरस के दो लाख से अधिक मामले ज्यादा लगते हैं लेकिन इतने बड़े देश के लिए यह संख्या अब भी बहुत अधिक नहीं है। भारत एक विशाल देश है जहां बहुत घनी आबादी वाले शहर हैं, वहीं कुछ ग्रामीण इलाकों में कम सघन बसावट है। इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों में स्वास्थ्य प्रणालियों में भी विविधता है। इन सबकी वजह से कोरोना वारस  को नियंत्रित करने में चुनौतियां सामने आ रही हैं।

स्वामीनाथन ने कहा कि लॉकडाउन और पाबंदियां उठने के साथ ही सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि लोग सभी तरह की सावधानियां बरतें। उन्होंने कहा, “हम बार-बार इस बात को दोहरा रहे हैं कि अगर आप बड़े स्तर पर व्यवहार में बदलाव चाहते हैं तो लोगों को इस बात के महत्व को समझना होगा कि उनसे मास्क पहनने जैसी कुछ बातों को अपनाने के लिए लगातार क्यों कहा जा रहा है।”

 

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